देश प्रेमी पथिक
बुद्धि सागर गौतम
नौसढ़, गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश)
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प्रेम पथिक हूं अच्छे दिल का, प्रेम राह पर चलता हूं।
कांटो की परवाह नहीं है, नहीं किसी से डरता हूं।
तेरा सच्चा प्रेमी हूं मैं, तुम पर मैं तो मरता हूं।
सारी दुनिया से लड़ने की, हिम्मत मैं तो रखता हूं।
प्रेम पथिक हूं देश प्रेम का, प्रेम देश से करता हूं।
मातृभूमि भारत का अपने, हर पल सेवा करता हूं।
मानवता का पाठ पढ़ाता, गीत देश का गाता हूं।
प्रेम कहानी मैं भारत का, सबको खूब सुनाता हूं।
परिचय :- बुद्धि सागर गौतम
जन्म : १० जनवरी १९८८
सम्प्रति : शिक्षक- स्पर्श राजकीय बालिका इंटर कालेज गोरखपुर, लेखक, कवि।
निवासी : नौसढ़, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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