बेटी उन्मुक्त भारत की
प्रियंका पाराशर
भीलवाडा (राजस्थान)
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बेटी उन्मुक्त भारत की
इतिहास रचती जा रही
जिद्दी होकर जीत की,
दमखम से स्वयं की पहचान की
नई रस्म है बना रही
सपनो को वो कर साकार
एक मिसाल है दे रही
विचारधाराओ को दे नया आकार
खरीद नहीं रही,
अब सोना चाँदी कमा रही
खिलौना नहीं समाज का
खिलाड़ी बन उभर रही
मंजिल हासिल करने को,
न मिटने वाले पदचिन्हों की निर्माता हो
बुलंद हौसलों से रास्ते नए बना रही
परिचय :- प्रियंका पाराशर
शिक्षा : एम.एस.सी (सूचना प्रौद्योगिकी)
पिता : राजेन्द्र पाराशर
पति : पंकज पाराशर
निवासी : भीलवाडा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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