अफ़सरनामा
डॉ. मुकेश ‘असीमित’
गंगापुर सिटी, (राजस्थान)
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अफ़सर नाम का प्राणी वह है, जो दफ्तरों में पाया जाता है। वैसे तो सरकारी, अर्ध-सरकारी, और गैर-सरकारी सभी दफ्तरों में यह पाया जाता है। कुछ अर्जित, कुछ जबरन, कुछ जुगाड़ू, और कुछ कबाड़ी-हर प्रकार के अफ़सर होते हैं। अफ़सर काम नहीं करते, काम की चिंता करते हैं। गधे की तरह जिम्मेदारियों का बोझ ढोते हैं-जिम्मेदारी काम करवाने की और साथ में काम की चिंता का बोझ उठाने की। इनका कोई समय नहीं होता; ये समय और स्थान से परे, ब्रह्मस्वरूप होते हैं। ये ऑफिस के कण-कण और जड़- चेतन में विराजमान रहते हैं। इसलिए कुर्सी पर दिख सकते हैं, नहीं भी दिख सकते हैं, या दिखते हुए भी नहीं दिख सकते हैं और नहीं दिखते हुए भी दिख सकते हैं।
अफ़सर को कभी भी नौकर मत समझिए। इनके चाल-ढाल और रंग-ढंग सब अलग और जुदा-जुदा होते हैं। ये त...