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योगा

रेसकोर्स एवं यशवंत निवास मार्ग पर हुआ भव्य योग-उत्सव
योगा, सामाजिक

रेसकोर्स एवं यशवंत निवास मार्ग पर हुआ भव्य योग-उत्सव

इंदौर। स्वराज के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आरोग्य भारती का भव्य आयोजन रेसकोर्स एवं यशवंत निवास मार्ग पर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद मंत्रों के पाठ के साथ हुआ। भारतीय परिवेश 'साड़ी' में गणेश वंदना की प्रस्तुति कु. अनमोल अग्रवाल ने, कलात्मक योग की प्रस्तुति अन्तर्राष्ट्रिय स्वर्ण पदक विजेता कु. सपना पाल ने, योग संग कथक की प्रस्तुति कु. गितिका पवार ने, एकल तालमय योग की प्रस्तुति ६ वर्ष की बालिका कु. श्रेया त्रिपाठी ने तथा सामूहिक तालमय योग की प्रस्तुति श्री योगेश पुरोहित की टीम ने दी। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक पंकज गुप्ता एवं बेला गुप्ता द्वारा लिखित एवं चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान द्वारा प्रकाशित पुस्तक "प्राणायाम एक जीवन विज्ञान" का विमोचन भी किया गया। योगाभ्यास का संपादन श्री मानसिंह जैन ने किया। उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराया। इन्दौर की जनता ने बड़ी सं...
योग आसन…स्वास्थ्य साधन
कविता, योगा, स्वास्थय

योग आसन…स्वास्थ्य साधन

लेखक- अज्ञात ********************   सुन लो सुन लो काम की बात योगासन के बहुत हैं लाभ। तन मन रख्खे निर्विकार करें रोज सूर्य नमस्कार अंतर्मन मे हो अनुशासन जब करते हम पद्मासन भोजन का हो अच्छा पाचन करें नित्य हम वज्रासन करें फेफड़े अच्छा काम रोज करेंगे प्राणायाम ओज से मस्तक दमकाती बड़े काम की कपालभाति स्नायुओं मेरहे तरी जब हो गुंजित "भ्रामरी लंबाई का पाता धन नित्य करें जो ताड़ासन रीढ़ मे आए लचीलापन करलो भैय्या हल आसन सर्व अंग पुष्टि का साधन होता है सर्वांगासन जोड़ों का अच्छा संचालन करते जब हम गरुड़ासन उदर अंगो का हो नियमन जब हम करें मयूरासन याद दाश्त होती अनुपम जो नित करता शीर्षासन कमर लचीली का कारण बनता है त्रिकोणासन चौड़ी छाती का साधन रोज लगाओ दण्डासन मन का होता शुद्धि करण जब लगता है सिद्धासन हो थकान का पूर्ण शमन अंत मे कर लो शवासन और अंत मे रख लो याद यम नियमबिन बने...
हीलिंग से स्वस्थता
योगा

हीलिंग से स्वस्थता

डॉ. सुरेखा भारती *************** हीलिंग से स्वस्थता, अपनी और दूसरों की ... आज के व्यस्ततम जीवन में व्यक्ति अनेक तनावों से घिरा हुआ है। वह अपने मन की शांति चाहता है। शांति व्यक्ति को प्राप्त होती है, उसके आध्यात्मिक विचारों से। इसके अलावा ऐसी कोई वस्तु या विचार नहीं हैं जिससे उसे चिर शांति का अनुभव हो। मन का सुख व्यक्ति प्राप्त करता है और थोडे समय बाद वह पुनः बैचेन हो उठता है, फिर वह विचलित, अस्थिर मन के कहने पर चलता है। कभी दुःखी होता है तो कभी सुखी होता है। जीवन का अधिक से अधिक समय वह इसी उधेडबुन में नष्ट करता है कि कहीं चिर शांति प्राप्त हो। बीमार होने पर अनेक औषधियों के सेवन से भी वह दुःखी होता है। तब वैकल्पिक चिकित्सा ढूंढता है। आज वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों में हीलिंग पद्धति स्वयं को स्वस्थ्य, उर्जावान रखने के लिए बहुत कारगार सिद्ध हो रहीे है। हीलिंग के बारे में यदि कुछ कहते हैं तो...