मेरा है सम्मान तिरंगा
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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आन लिए फहराता नित ही,
मेरा है सम्मान तिरंगा।
शान सजा शुभ-मंगल लाता,
सच में नवल विहान तिरंगा।।
बलिदानों ने रंग दिखाए,
तब हमने आज़ादी पाई।
जला-जलाकर वस्त्र विदेशी,
सबके तन पर खादी आई।
सम्प्रभुता को धारण करता,
मेरा है अरमान तिरंगा।
शान सजा शुभ-मंगल लाता,
सच में नवल विहान तिरंगा।।
शौर्य सिखाता रंग केसरी,
श्वेत सादगी की बातें।
हरा हमें देता हरियाली,
वैभव की नित सौगातें।।
चक्र भारती की जय करता,
हरदम है गुणगान तिरंगा।।
शान सजा शुभ-मंगल लाता,
सच में नवल विहान तिरंगा।।
जय जवान का नारा लब पर,
जय किसान का गान हो।
लोकतंत्र का मान रहे नित,
सद्भावों की आन हो।।
तीन रंग की शोभा न्यारी,
जाने सकल जहान तिरंगा।
शान सजा शुभ-मंगल लाता,
सच में नवल विहान तिरंगा।।
सीमाओं की शान बढ़ाता,
जन-गण-मन की आन निभाता...