रिश्ते कारोबारों से…
आकाश सेमवाल
ऋषिकेश (उत्तराखंड)
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हुनर नहीं, नहीं चरित्र नहीं।
नहीं भावना विचारों से।
अब रिश्ते होते देखें हैं,
मैंने, कारोबारों से ।
कितना है? क्या ओहदा है ?
सबका लेखा-जोखा है।
छानबीन कर बात करेंगे,
घर-घर में ये सौदा है ।
लगते हैं दामों पर दाम,
जैसे, वस्तु खरीदें बजारों से,
अब रिश्ते होते देखें हैं,
मैंने, कारोबारों से ।
इल्म नहीं, गठबंधन क्या है ?
कीकर क्या चन्दन क्या है ?
अब तो है बस, शानो-शौकत,
आखिर, रिश्तों का मंथन क्या ?
किसको वक्त है? समझौते का,
कौन लड रहा मझधारों से?
अब रिश्ते होते देखें हैं,
मैंने, कारोबारों से ।।
परिचय :- आकाश सेमवाल
पिता : नत्थीलाल सेमवाल
माता : हर्षपति देवी
निवास : ऋषिकेश (उत्तराखंड)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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