ऐ वीर जवान
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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ऐे सैनिक ! फौज़ी, जवान, है तेरा नितअभिनंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।
गर्मी, जाड़े, बारिश में भी, तू सच्चा सेनानी
अपनी माटी की रक्षा को, तेरी अमर जवानी
तेरी देशभक्ति लखकर के, माथे तेरे चंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।
आँधी-तूफाँ खाते हैं भय, हरदम माथ झुकाते
रिपु तो तुझको देख सिहरता, घुसपैठी थर्राते
सीमाओं के प्रहरी तू तो, वीर शिवा का नंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।
तू सीमा पर डँटा हुआ पर, हम त्यौहार मनाते
तू जगता, मौसम से लड़ता, हम नींदों में जाते
तेरे कारण खुशहाली है, किंचित भी ना क्रंदन।
अमन-चैन का तू पैगम्बर, तेरा है अभिवंदन।।
मात-पिता, बहना-भाई सब, तेरे भी हैं नाते
तू पति है, तो पुत्र भी चोखा, तुझको सभी सुहाते
पर अपने इस मुल्क़ की ख़ातिर, छोड़े तू सब...