कैसे रिश्ते
संजय वर्मा "दॄष्टि"
मनावर (धार)
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छिन लिया आसरा
पेड़ को कटते देख
दूसरे पौधे रो रहे थे
कौन समझे इनकी पीड़ा
नेक इंसान ही समझते
उसे लगा होगा
जैसे, माता-पिता के मरने पर
रोते है कैसे रिश्ते।
यह जानते हुए भी
खोने दे रहा है
खुद के जीने की प्राण वायु
पेड़ की खोल के रहवासी
उड़े भागे थे ऐसे
जैसे भूकंप आने पर
लोग छोड़ देते है मकान।
थरथरा कर गिर पड़ा था पेड़
पेड़ के रिश्तेदार, मूक पशु-पक्षी
खड़े सड़क पर, बैठे मुंडेरों पर
आँखों में आँसू लिए
विचलित अस्मित भाव से
कर रहे संवेदना प्रकट
और मन ही मन में सोच रहे
क्यों छिन लिया आसरा हमसे
क्रूर इंसान ने।
परिचय : संजय वर्मा "दॄष्टि"
पिता : श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि : २ मई १९६२ (उज्जैन)
शिक्षा : आय टी आय
निवासी : मनावर, धार (मध्य प्रदेश)
व्यवसाय : ड़ी एम (जल संसाधन विभाग)
प्रकाशन : देश-विदेश की विभि...