हमें तो हमारा हिन्दुस्तान ही अच्छा है
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जीतेन्द्र कानपुरी
हमें तो हमारा हिन्दुस्तान ही अच्छा है
यहॉ सब साथ देने वाले है
सभी का स्वभाव सच्चा है।
हमारी गली हमारा घर
हमारा मोहल्ला भी अच्छा है।।
इसलिये हम नहीं जाते
खुद की जमीं छोड़कर कहीं।
जाओ जिसे जाना हो जहॉ
हमें तो हमारा हिन्दुस्तान ही अच्छा है।।
लेखक परिचय :- राष्ट्रीय कवि जीतेन्द्र कानपुरी का जन्म ३०-०९-१९८७ मे हुआ।
बचपन से कवि बनने का कोई सपना नही था मगर अचानक जब ये सन् २००३ कक्षा ११ मे थे इनको अर्धरात्रि मे एक कविता ने जगाया और जबर्जस्ती मन मे प्रवेश होकर सरस्वती मॉ ने एक कविता लिखवाई। आर्थिक स्थित खराब होने की बजह से प्रथम कविता को छोड़कर बॉकी की २०० कविताऐ परिस्थितियों पर ही लिखीं, इन्हे सबसे पहले इनकी प्रथम कविता को नौएडा प्रेस क्लब द्वारा २००६ मे सम्मानित किया गया।इसके बाद बिवॉर हीरानन्द इण्टर कॉलेज द्वारा हमीरपुर मे, कानपुर कवि सम्मेलन द्वारा, अरम...