नया साल
मुनव्वर अली ताज
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कुछ इस अदा से आए नया साल दोस्तो
हो जाए वर्तमान ही ख़ुशहाल दोस्तो
जब तक रहेगी वासना खुशहाल दोस्तो
तब तक रहेगी साधना बदहाल दोस्तो
ऐसा करो कि संयमी हो जाए हर पुरुष
मिट जाए दिल से रेप का ख़याल दोस्तो
जो साल इक ग़रीब की झोली न भर सके
वो साल हर सदी में है कंगाल दोस्तो
हम अपने रहनुमा से यही आरज़ू करें
मिल जाए सादा रोटियों को दाल दोस्तो
हर आदमी का काम लगातार चल सके
अब हो न देश में कोई हड़ताल दोस्तो
ऐ ताज, आओ सबके लिए ये दुआ करें
आए न अब कभी कहींं भूचाल दोस्तो
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परिचय :- मुनव्वर अली ताज उज्जैन
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