शांत… सुशांत
बिपिन कुमार चौधरी
कटिहार, (बिहार)
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छोटे शहर से आया था एक बड़ा सितारा,
कुकर्मों की काली छाया ने जिसे मार डाला,
मर कर भी तूं लाखों दिलों पर राज करता रहेगा,
पूछे सारा देश तेरे कातिलों को सजा कब मिलेगा,
जांच के नाम पर साक्ष्यों पर आंच आती रही,
आख़िर क्यों, मुंबई पुलिस सच छिपाती रही,
कुछ सफ़ेदपोशों के इशारों पर सब काम हुआ है,
मायानगरी की रंगीन दुनिया फ़िर बदनाम हुआ है,
खूबसूरत किरदारों से दुनियां को छलने वालों,
अंदर कुछ, बाहर से कुछ और दिखने वालों,
एक कमिनी ने अपनी सारी हदों को पार कर दिया,
झुठे प्यार का तिलिस्म, धोखे से वार कर दिया,
मोहब्ब्त की खूबसूरती ही तेरा वजूद,
इसी से चमकता है यह पर्दे की दुनियां,
बना कर चार यार, प्यार को हथियार,
पावन प्रेम को तूने कलंकित कर दिया,
सीबीआई जांच का पूरा देश करता इस्तकबाल,
न्याय पर हमें भरोसा, गुनहगारों जुर्म करो इकबाल,
संघर्ष हमा...
























