नज़रिया
विमल राव
भोपाल म.प्र
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शहर में नया मकान किसका हैं
पुराना तों गिरा दिया था
ये नया बसेरा किसका हैं।
रोशनी कों बंद दरवाजो से रोकने वालों
क्या भूल गए
ये नया सवेरा किसका हैं।
सुना हैं घर बसानें से पहले हीं
उजाड़ दिये जाते हैं
तों संवरता हुआ ये परिवार किसका हैं।
वो आग लगाने कि फिराक में
घूमा करते हैं अकसर
उन्हें पता नही बगल में तालाब किसका हैं।
पौधो में कांटे कों देखकर
कोसने वालों
ये महकता हुआ गुलाब किसका हैं।
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परिचय :- विमल राव "भोपाल"
पिता - श्री प्रेमनारायण राव लेखक, एवं संगीतकार हैं इन्ही से प्रेरणा लेकर लिखना प्रारम्भ किया।
निवास - भोजपाल की नगरी (भोपाल म.प्र)
कवि, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रदेश सचिव - अ.भा.वंशावली संरक्षण एवं संवर्द्धन संस्थान म.प्र,
रचनाएँ : हम हिन्दुस्तानी, नई दुनिया, पत्रिका, नवभारत देवभूमि, दिन प्रतिदिन, विजय दर्पण टाईम, म...