शिक्षकों का योगदान
संजय जैन
मुंबई
********************
हूँ जो कुछ भी आज मैं,
श्रेय में देता हूँ उन शिक्षकों।
जिन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया,
और यहां तक पहुंचाया।
भूल सकता नहीं जीवन भर,
मैं उनके योगदानों को।
इसलिए सदा में उनकी,
चरण वंदना करता हूँ ।।
माता पिता ने पैदा किया।
पर दिया गुरु ने ज्ञान।
तब जाकर में बना लेखक,
और एक कुशल प्रबंधक।
श्रेय में देता हूँ इन सबका,
अपने उनको शिक्षकों।
जिनकी मेहनत और ज्ञान से,
बन गया पढ़ा लिखा इंसान।।
रहे अँधेरा भले
उनके जीवन में।
पर रोशनी अपने
शिष्यों को दिखाते है।
जिस से कोई
बन जाता कलेक्टर,
तो कोई वैज्ञानिक कहलाता है।।
सुनकर उन शिक्षकों को,
तब गर्व बहुत ही होता है।
मैं कैसे भूल जाऊं उनको,
जिन्होंने हमें योग बनाया है।
देकर ज्ञान की शिक्षा,
हमें यहाँ तक पहुंचाया है।।
शिक्षक दिवस के अवसर
पर मैं उन सभी शिक्षकों के
चरणों मे वंदन करता हूँ।
परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के न...























