सब कुछ तुम
आरिफ़ असास
दिल्ली
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दिल भी तुम दिमाग भी तुम
हुई ज़ुदा तो ख़्याल भी तुम
सवाल भी तुम भी जवाब भी तुम
मेरे दर्द की पहचान भी तुम
क़रीब भी तुम दूर भी तुम
मेरे दीदो का इन्तज़ार भी तुम
हज़ारों में तुम लाखो में तुम
नही हो तो बस मेरी बाहों में तुम
अव्वल भी तुम आख़िर भी तुम
फ़ना होती जिंदगी की सांसे भी तुम
उरूज़ भी तुम ज़वाल भी तुम
रंगों में दौड़ता हुआ लहू भी तुम ...
परिचय :- आरिफ़ असास नर्सिंग अफसर
निवासी : दिल्ली
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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