राम जन्म भूमि
विजय गुप्ता
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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ढूंढे सारे थे विकल्प, अवधि भी नहीं अल्प
पांच सदी काल बीते, शुभ दिन आने को।
जोर शोर थम गया, वाक्य युद्ध थक गया
प्रमाण पे रुक गया, भव्यता ही पाने को।
राम जन्म भूमि युद्ध, राम नहीँ जरा क्रुद्ध
देर है अंधेर नहीं, सत्य समझाने को।
बहुत था अवरोध, राम काज में विरोध
व्यर्थ हुई अपील भी, राम राज आने को।
राम का चरित्र गान, रामायण पूर्ण ज्ञान
एक चौपाई बहुत, मानव सजाने को।
रघु रीति प्रण राम, मर्यादित सदा काम
मर्म धर्म आठों याम, कर्म अपनाने को।
हनुमान गढ़ी द्वार, सुरक्षा संकल्प भार
पूजन विशेष यहां, भूमि के प्रवेश को।
कैसे हो खुशी बखान, साक्षी अवध महान
भारत नहीं दुनिया, राम पुण्य भूमि को।
है जन्म अब सफल, कार सेवा थी अटल
एकत्र है माटी जल, निर्माण कराने को।
राम युग शान अब, धर्मियों का दान खूब
रजत ईंट आधार, भव्य दरबार को।
परिचय :- विजय कुमार गुप्ता
जन...