प्रीत की पाती
रेखा दवे "विशाखा"
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************
तुमसे परिणय कर मैंने,
धन्य किया जीवन अपना।
ओ बाला तुम अपने आँगन,
पल प्रति पल प्रसन्न रहना।
जब कभी स्मरण हो मेरा,
नमन माँ को करना तुम।
जिसने मुझे बड़ा किया,
उनसे प्रेरणा लेना तुम।
ओ बाला तुम अपने आँगन
पल प्रति पल प्रसन्न रहना।
जब कभी स्मरण हो मेरा,
बालक को गले लगाना तुम।
धीर वीरों सी वीरता,
उसको भी सिखलाना तुम।
ओ बाला तुम अपने आँगन
पल प्रति पल प्रसन्न रहना
तुम मेरे नयनो की ज्योति,
तुम ही मेरी समर्थ शक्ति।
मात-पिता की हितकारी,
अपने बच्चों की अनुरागी।
तुमसे परिणय कर मैंने,
धन्य किया जीवन अपना।
ओ बाला तुम अपने आँगन
पल प्रति पल प्रसन्न रहना।
परिचय :- श्रीमती रेखा दवे "विशाखा"
शिक्षा : एम.कॉम. (लेखांकन) एम.ए. (प्राचीन इतिहास एवं अर्थ शास्त्र)
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
वर्तमान में : श्री माधव पुष्प सेवा समिति कि सामाजिक कार...