नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान
आशा जाकड़
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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अखिल भारतीय कविता लिखो प्रतियोगिता
विषय :- "नारी और स्वतन्त्रता की उड़ान"
द्वितीय पुरस्कार प्राप्त रचना
नारी जग गौरव बने, नारी से पहचान।
हर क्षेत्र में वह आगे, चमका हिन्दुस्तान।।
नारी की महिमा बड़ी, बनी देश की शान।
उर में दु:ख समेटती, कुल का रखें ध्यान।।
दया-ममता की देवी, निज सुख की ना चाह।
देश के लिए मर मिटै, कभी न करती आह।।
बेटी और बहन बनी, फिर पत्नी अरु मात
फर्ज की दीवार चढ़े, चाहे अंधड रात।।
नारी शक्ति स्वरूपा, कभी न माने हार।
कसौटी खरी उतरती, करती प्राण निसार।।
झांसी की रानी बनी, देश हुई कुर्बान।
पद्मिनी जौहर करती, कुल की रखी आन
नारी है नारायणी, करती जग कल्याण।
सृजन की सृष्टि करता, प्रकृति का वरदान।।
आंँखों में आंँसू भरे, होठों पर मुस्कान।
तूफान में डटी रहे, पार करें चट्टान।।
अवनि से अम्बर पहुंँच...