ख़ुद को बचा ख़ुदी से
निज़ाम फतेहपुरी
मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)
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वज़्न- २२१ २१२१ १२२१ २१२
अरकान- माफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईल फ़ाइलुन
ख़ुद को बचा ख़ुदी से बचे ही रहेंगे हम।
कल भी भले थे सबके भले ही रहेंगे हम।।
साज़िश तमाम हो रही सच को मिटाने की।
मिटने न देंगे सच को अड़े ही रहेंगे हम।।
होता नहीं रईस कभी जो अमीर है।
पैदा हुए रईस बने ही रहेंगे हम।।
नफ़रत है उनके दिल में हमारे लिए भरी।
अच्छा करेंगे फिर भी बुरे ही रहेंगे हम।।
हमको गिराने वाले तो ख़ुद गिर गए निज़ाम।
जब तक ख़ुदा है साथ उठे ही रहेंगे हम।
परिचय :- निज़ाम फतेहपुरी
निवासी : मदोकीपुर ज़िला-फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) भारत
शपथ : मेरी कविताएँ और गजल पूर्णतः मौलिक, स्वरचित हैं
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित कर...