भगवन् तेरी शरणम्…।
हरिदास बड़ोदे "हरिप्रेम"
गंजबासौदा, विदिशा (मध्य प्रदेश)
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भगवन् तेरी शरणम्, मैं आया कृपा करना,
भगवन् तेरी शरणम्, मैं आया कृपा करना।
जो तेरी इच्छा हो, तो मुझपर दया करना,
जो तेरी इच्छा हो, तो मुझपर दया करना।
भगवन् तेरी शरणम्...।।
मेरे माता-पिता, गुरु की, छवि दिखे तुझमें,
श्रीगणेश, शिव-शक्ति का, दिव्य रूप दिखे तुझमें।
मेरी आत्मा का मालिक तू,
श्रद्धा-नमन स्वीकार करना,
एक आस ही मेरे पास, प्रभु मुझपर कृपा करना।
भगवन् तेरी शरणम्...।।
तेरी सूरत दीवानी है, मैं तेरा दीवाना हूं,
मन मंदिर मेरे आजा, मैं तेरा पूजारी हूं।
मेरे दिल की धड़कन तू,
श्रद्धा-भक्ति स्वीकार करना,
एक आस ही मेरे पास, प्रभु मुझपर कृपा करना।
भगवन् तेरी शरणम्...।।
धन दौलत नहीं चाहूं, मुझे तेरा सहारा हो,
बस यही दुआ मांगू, निच्छल प्रेम मेरा हो।
यह विनती मेरी सुनले,
श्रद्धा-भाव स्व...