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कान्हा से उलाहना
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कान्हा से उलाहना

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** कान्हा गोकुल में माखन खिलाया नही, कैसे मानूँ की माखन खिलाते हो तुम। किसी छीके पे माखन टंगा ही नहीं, कैसे मानूँ की माखन चुराते हो तुम। कान्हा गोकुल... तेरी किरपा से आया हूँ ब्रजधाम में, वो ही आता है जिसको बुलाते हो तुम, आस्था तेरे चरणों मे जिसकी घटी, उससे तत्काल ही रुठ जाते हो तुम। कैसे मानूँ कि... सब हैं राधा को तेरी नमन कर रहे, इसलिए सबमें ही नज़र आते हो तुम, जो भी तेरे लिए है तड़पता यहां, उसके अंतर में शीघ्र समाते हो तुम। कैसे मानूँ.... गायें गोकुल की तो कहीं जाती नहीं, दूध माखन कहाँ चला जाता है फिर। तुमको सब ज्ञात है, दृष्टि व्यापक तेरी, देखना है कि कब रोक पाते हो तुम। कैसे मानूँ की ... तेरे गोकुल का प्रसाद माखन नहीं, इसलिए तुमसे शिकवा किया "प्रेम" ने, तुमने ग्वालों को माखन खिलाया बहुत, देखना ...
राम नाम की महिमा
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राम नाम की महिमा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** नाम जपते चलो "राम" गाते चलो... नाम जपते चलो राम गाते चलो, मुक्ति के मार्ग पर पग बढ़ाते चलो। बोलो राम बोलो राम... नाम जप तेरे अंतर को पावन करे, नाम जप ही तेरे मन में भक्ति भरे। पकड़कर नाम जप की ही पतवार को, अपनी नैय्या किनारे लगाते चलो। बोलो राम बोलो राम... राम ही सत्य है मान पायेगा जो, डूबकर राम ही राम गायेगा वो। जग की आशक्ति से मुक्त होना है तो, राम रस में ही मन को डुबाते चलो। बोलो राम बोलो राम... नाम में डूब तुलसी मगन हो गए, लिखके मानस वो जैसे गगन हो गए। "प्रेम" तुम भी रहो "राम" में ही मगन, उनकी सेवा से सांसें बढ़ाते चलो। बोलो राम बोलो राम... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं,...
मां सरस्वती के चरणों में वंदना
कविता, भजन

मां सरस्वती के चरणों में वंदना

मंजू लोढ़ा परेल मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** देखो वसंत पंचमी का शुभ दिन आया, मां सरस्वती के अवतरण का मंगल दिन आया, सफेद वस्त्रों में सुसज्जित मुख पर असीम शांति, होठों पर मीठी मुस्कान, आंखों से छलक रहा स्नेह का निर्झर, कितनी सुंदर मेरी मां है भारती-वागेश्वरी। हाथों में है तेरे वीणा, सुरों की तु सुरीली देवी, तुझसे ही है सारा संगीत, राग-रागनियाँ और मधुर लहरियाँ, कितनी मीठी शहद सी तेरी वाणी, मेरी मां है वीणापाणी। हंस पर तु विराजित, मोतियों सी तु दमकती, तेरे चेहरे पर छलकता नूर कर देता मन का सारा संताप दूर, हर लो हमारा अज्ञान, दे दो हमें ज्ञान मेरी मां है हंसवाहिनी। तु बह्मा पुत्री-वेदों की अधिकारी, शब्द-शब्द में तु समायी, मां से शुरू हुआ संसार, तुझसे ही पाया अक्षर अंक का ज्ञान, दे दो हमें वरदान, बना लो अपना अधिकारी -वारिस मेरी मां हे शारदे...
माँ सरस्वती की वंदना
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माँ सरस्वती की वंदना

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** माँ तुम्हारी वंदना में क्या लिखूं, तुम ही बताओ। यदि मेरा है हृदय निर्मल, आके निज आसन लगाओ। माँ तुम्हारी वंदना..... तुम ही हो विद्या की देवी, सबको विद्या दान करती। कवि के अंतर भाव देकर, भक्ति रस का सृजन करती। गीत कवि लिखते रहें, स्वरबद्ध करके तुम गवाओ। माँ तुम्हारी वंदना..... तुम ही स्मृद्धिदात्री, भक्तों पे करुणा बहाती, जो हैं जग माया में उलझे, उनको हो तुम ही जगाती। लिख रहा है "प्रेम" महिमा, बैठ अंतर गुनगुनाओ। माँ तुम्हारी वंदना....... मेरा कुछ भी नहीं जग में, क्यों कि खाली हांथ आया। तुमने दे संस्कारी बच्चे सुख स्मृद्धि से सजाया। "प्रेम" के गीतों को माँ तुम, श्रेष्ठ भक्तों से गवाओ। माँ तुम्हारी वंदना.... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित ...
हनुमान जी की महिमा
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हनुमान जी की महिमा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** भक्त हनुमान जी हैं दयालु बहुत, राम भक्तों की रक्षा वे करते सदा। दैत्य माने नहीं राम महिमा को जो, उनपे हनुमान जी ने चलाई गदा। भक्त हनुमान जी...... राम का नाम लेता विभीषण मिला, मित्र माना उसे,अपना परिचय दिया। हो गया धन्य वो,राम सेवक से मिल, माता सीता का उसने,पता था दिया। गये वो वाटिका माँ के दर्शन किये, उनकी सांसों में बस "राम" चलता सदा। भक्त हनुमान जी...... दम्भी रावण को सद्ज्ञान देने के मित, माँ से अनुमति ले विध्वंस की वाटिका। छोड़ा ब्रम्हास्त्र तो नमन कर बंध गए, छोड़ने की नहीं की कोई याचिका। दिया सद्ज्ञान रावण को दरबार में, वो अहंम में था डूबा न उसको जँचा। भक्त हनुमान जी........ दिया रावण ने आदेश मारो इसे, आ विभीषण ने नीति बताई उसे। शत्रु का दूत है,अन्य कुछ दंड दो, नीति सम्मत नहीं है न मारो इसे। पूँछ मे...
प्रभु राम से विनती…
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प्रभु राम से विनती…

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** प्रभु राम से विनती......... और कुछ भी नहीं प्रिय लगे राम जी, बस तेरे नाम सुमिरन में है डूबना। कैसे हो पायेगा, ये कठिन कार्य है, इसकी युक्ति भी तुमसे ही है पूछना। और कुछ भी........ मैँ वही बस करूँ जो तुम्हे प्रिय लगे, जो नहीं प्रिय तुम्हे उसको है त्यागना। भूल से कुमारग पे पग में धरूँ, मेरे अंतर से तत्काल तुम टोकना। और कुछ भी....... प्रभु कृपा से है श्रेष्ठ योनि मिली प्रभु के सुमिरन में ही इसे है लगाना, वे दयालु हैं करुणा लुटाते सदा, डूब प्रभु में ही करुणा को है लूटना। और कुछ भी....... सारी सृष्टि प्रभु की वही पालते, बनके बच्चे प्रभु बाहों में झूलना, नाम सेवा में हर साँस मेरी लगे, ह्रे दयानिध है तुमसे यही याचना। और कुछ भी......... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मै...
हनुमान महिमा…
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हनुमान महिमा…

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** हनुमान जी के पकड़ ले चरण जो, प्रभु राम उसपे हैं करुणा बहाते। हनुमान जी तुझसे संकल्प लेते, फिर दे शक्ति,युक्ति हैं पूरा कराते। हनुमान जी के ... हनुमान प्रतिपल रमे राम जप में, वो श्रीराम कह, सागर लांघ जाते। मिली लंकिनी मार्ग रोका जो उनका, तो एक मुष्टिका मार, परिचय बताते। हनुमान जी के... मिले माँ के दर्शन, हुआ कार्य पूरा, तो ले माँ से अनुमति, मधुर फल वो खाते। खबर पाके रावण ने अक्षय को भेजा, उसे मार रावण को शक्ति दिखाते। हनुमान जी के... जब ब्रम्हास्त्र उन पर चलाया गया तो, उसे कर नमन वे स्वयं बंध हैं जाते, जब रावण ने पट बांध घी तेल डाला, जली पूंछ तो स्वर्ण लंका जलाते। हनुमान जी के... बुझा पूँछ सागर में ले माँ से चीन्हा, प्रभू राम के पास वे लौट जाते। सिया की दशा का सुना करुण वर्णन, वो प्रभु राम के शौर...
हनुमत् भजन
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हनुमत् भजन

स्वरा त्रिपाठी लखनऊ (उत्तर प्रदेश) ******************** अंजनी के लाल, श्री राम का दुलार। करते सभी का ये कल्याण, करते सभी का ये कल्याण।। अंजनि के... सीता का पता लगाये, श्री राम के काज बनाये। भक्तों पर आया दुख महान. दुख हरो अब हे हनुमान। करदो सभी का अब कल्याण अंजनी के... तुम हो सेवक राम के, हम तो सेवक आपके। हाथों मे नैया आपके, नैया पार करो प्यारे हनुमान। कर दो सभी का अब कल्याण। अंजनी के... संकट मोचन कृपा निधान, जग के कष्ट हरो हनुमान, हम भक्त हैं बड़े अज्ञान, विनती करती "स्वरा" नादान करदो सबका अब कल्याण, अंजनी के लाला... परिचय :-स्वरा त्रिपाठी उम्र : ७वर्ष कक्षा : ३ निवासी : लखनऊ (उत्तर प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, ले...
कोरोना विनाश की हनुमान जी से विनती
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कोरोना विनाश की हनुमान जी से विनती

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** करो कुछ करिश्मा हनुमान जी अब, तेरे भक्त मंगल को दर तेरे आएं। हैं दो बरस से जो दरस के पियासे, वे पा तेरे दर्शन नयन सुख को पाएं। करो कुछ... हमे अपने दोषों का ही फल मिला है, जो बोया था काटा न कोई गिला है। मगर तुम तो आशीष देते सभी को, जो हैं भूल से भी तेरे दर पे आएं। करो कुछ ... कॅरोना से सम्पूर्ण मानव तृषित हैं, युवा, व्रद्ध सब तेरे बच्चे ग्रषित हैं। जगो अपनी शक्ति में, हुंकार भर दो, जो मंगल को जग से कॅरोना मिटाये। करो कुछ... हैं इस वर्ष ज्येष्ठ माह में पांच मंगल, कॅरोना का वध कर करो सबका मंगल। करो "योगी" को इतना आस्वतः भगवन, कि वो भक्तों को तेरा दर्शन कराएं। करो कुछ ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक ...
अमरत बरसेगा
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अमरत बरसेगा

अजय गुप्ता "अजेय" जलेसर (एटा) (उत्तर प्रदेश) ******************** तुम करो राम से प्यार अमरत बरसेगा। तेरा हो जाये कल्यान अमरत बरसेगा। सूर्यकुल दशरथ के नंदन, माता कौशल्या अभिनंदन। पिता वचन पालनहार, अमरत बरसेगा। गुरु वशिष्ठ कृपा अपार, अमरत बरसेगा।।१ भार्या जनक नंदनी, नारी पतिव्रता गुनी, छोडा महल सुख बनी वन अनुगमी। सप्त वचन जीवन आधार, अमरत बरसेगा। तुम करो सिया सत्कार, अमरत बरसेगा।।२ मर्यादा को कभी न त्यागो, मात-पिता की आज्ञा मानो। होगा तेरा भी उद्धार, अमरत बरसेगा। तुम करो राम से प्यार, अमरत बरसेगा।।३ करके भगवा वस्त्र धारन, राम धुन का कर उच्चारन। होकर प्रसन्न अपार, अमरत बरसेगा। तुम करो हनुमत से प्यार, अमरत बरसेगा।।४ आदर्शों की ओढ़ चुनरिया, सत्यमार्ग की चलो डगरिया। गुरु आज्ञा कर शिरोधार, अमरत बरसेगा। तुम करो राम से प्यार, अमरत बरसेगा।।५ सिर पर राम पादुका धारन,...
मेरी मां झंडेवाली
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मेरी मां झंडेवाली

श्‍वेता अरोड़ाशाहदरा दिल्ली****************** जब-जब तुझे पुकारा माँ, तूने दिया सहारा माँ, रहने ना दी मेरी झोली खाली, नाम तेरा माँ झंडे वाली। हर दुःख में हर संकट से मुझे तूने निकाला, जब भी मैं बन के आया तेरा सवाली,नाम तेरा माँ झंडे वाली! अलग अलग रूप में दिया सहारा, कभी बन लक्ष्मी कभी सरस्वती कभी बनी काली,नाम तेरा माँ झंडे वाली! हर पल अपना हाथ रखो मेरे सर पर,दिखाओ अपनी महिमा निराली, नाम तेरा माँ झंडेवाली! परिचय : श्‍वेता अरोड़ा निवासी : शाहदरा दिल्ली घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहान...
बाबा केदारनाथ
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बाबा केदारनाथ

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** कुछ न कुछ तो कमी है तड़प में, जिससे बाबा ने दर न बुलाया। आके बाबा ने कानों में बोला, तू तो दस रूप धरके है आया। कुछ न कुछ... रूप तेरे अनेकों हैं बाबा, जिनमे १२ हैं ज्योति से प्रकटे। ११ के हो चुके मुझको दर्शन, प्राण तेरे दरश को है अटके। कई वर्षों से पंक्ति में हूँ मैं, क्यों दयालु न मुझको बुलाया। कुछ न कुछ... हम हैं संसारी माया में उलझे, फिर भी तेरे दरस की है इक्षा। पास होकर दिखाएंगे बाबा, चाहें जितने कठिन लो परीक्षा। तेरे ही अंश से हैं जो प्रकटे, उनने सेवक है हमको बनाया। कुछ न कुछ... जिनके सुमिरन में प्रतिपल रमे तुम, उनकी थोड़ी कृपा मैंने पाई, मेरे आराध्य हनुमान जी ने, नाम महिमा है मुझसे लिखाई। गीत हनुमत ने ऐसे लिखाये, श्रेष्ट भक्तों ने है झूम गाया। कुछ न कुछ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा ...
जाने दुनियां
गीत, भजन

जाने दुनियां

संजय जैन मुंबई (महाराष्ट्र) ******************** (तर्ज: चाँद सी मेहबूबा हो मेरी कब) आचार्य श्री से जाने दुनियाँ, ऐसे गुरु हमारे हैं I नयनों में नेहामृत जिनके, अधरों पर जिनवाणी है। करका पावन आशीष जिनका, कंकर सुमन बनाता है I पग धूली से मरुआंगन भी, नंदनवन बन जाता है। स्वर्ण जयंती मुनिदीक्षा की, रोम रोम को सुख देती I सारे भेद मिटा, जन जन को, सुख शांति अनुभव देती।। आचार्य श्री से जाने दुनियाँ, ऐसे गुरु हमारे हैं I नयनों में नेहामृत जिनके, अधरों पर जिनवाणी है।। अकिंचन से चक्रवर्ती तक, चरण शरण जिनकी आते I कर के आशीषों से ही बस, अक्षय सुख शांति पाते I योगेश्वर भी, राम भी इनमें, महावीर से ये दिखते I सतयुग, द्वापर, त्रेता के भी, नारायण प्रभु ये दिखते I युग युग तक रज चरण मिले, यही संजय मन नित मांगे। आचार्य श्री विद्यासागर का, सदा हो आशीष मम माथे।। आचार्य श्री से जाने दुनियाँ, ऐसे गुरु हमारे हैं I...
राम जी की कृपा
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राम जी की कृपा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** राम जी की कृपा है... राम जी की कृपा है बरसती सदा, जिसका है पात्र सीधा वो भर जाता है। नाम मे आस्था जिसकी दृढ़ है नहीं, पात्र उसका स्वयं ही लुढ़क जाता है। राम जी की कृपा... तेरा विश्वास फलता है ये जान ले, नाम सास्वत है बस ये ही तू मान ले। नाम जप आस्था से करेगा जो भी, नाम पतवार उसकी ही बन जाता है। राम जी की कृपा... नाम मे आस्था शबरी भीलन ने की, राम आएंगे इस आश में ही वो जी। गुरु की वाणी पे हो आस्था दृढ़ जिसे, ईश साक्षात दर्शन को आ जाता है। राम जी की कृपा... राम का पग लगा तो अहिल्या तरी, पग पखारन की केवट ने विनती करी। राम का हाथ सिर पर रखा युक्ति से, भाग्य अपना तो केवट बना जाता है। राम जी की कृपा ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आ...
राम रस
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राम रस

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** "राम" रस में डूबकर देखो, तुम्हें भक्ति मिलेगी। होंगे खुश हनुमान जी, उनसे तुझे शक्ति मिलेगी। राम रस में डूबकर......... "राम" प्रिय लगने लगा तो, काम खुद घटने लगेगा। डूब पाया "राम" में तो, जग से मन हटने लगेगा। माया जब घेरेगी तो, हनुमान से युक्ति मिलेगी। "राम" रस में डूबकर.......... प्रभु ने मानव तन दिया, उपकार उसका मान प्राणी। श्रेष्ठ योनि में है जन्मा, मधुर करले अपनी वाणी। शारदे माँ रीझ जाएंगी तो, अभिव्यक्ति मिलेगी। "राम" रस में डूबकर........ सूर, मीरा और कबीरा डूबे, प्रभु महिमा को गाया। भक्ति गंगा में नहाने, के लिए भक्तों ने गाया। "राम" सेवा में लगा तनमन को, तो मुक्ति मिलेगी। "राम" रस में डूबकर............. परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं ...
मिला दो राम से हनुमत
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मिला दो राम से हनुमत

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मिला दो राम से हनुमत मिला दो राम से हनुमत, तेरा गुणगान गाएंगे। बताओगे जो भी युक्ति, उसे करके दिखाएंगे। मिला दो राम........ प्रभु आराध्य है तेरे, मेरे आराध्य तो तुम हो। कृपा जो राम की पाए, उसे क्या कार्य दुष्कर हो। तेरी भक्ति फलित होगी, तो प्रभु भक्ति को पाएंगे। मिला दो राम......... तुम्हीं ने की कृपा सुग्रीव पर, तो राम को पाया। दिया सेवा का अवसर और, उसे भय मुक्त करवाया। तेरी करुणा कृपा से ही, तो दिल मे राम आएंगे। मिला दो राम......... तेरे स्वामी की सेवा का , जो अवसर,मैंने पाया है। तुम्ही से शक्ति लेकर के, उसे मैंने निभाया है। हैं जबतक प्राण तन में, हम तो ये सेवा निभाएंगे। मिला दो राम...... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी...
माँ को आमंत्रण
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माँ को आमंत्रण

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ******************** जब कलश धरें आना, जब जोत जले आना। संदेश भगत का भूल न जाना मेरी मात न ठुकराना। मैं आँचल डगर बुहारूँगी मैया की राह निहारूँगी। साजी रंगोली मैया तेरे लिए शेरों पे चली आना। जब कलश। जग तारनी लाटा वाली है तू योगिनी जोता वाली है। कभी धूप खिले, कभी छाँव ढले, आजा चाँद हँसे आना। जग देख तेरा दीवाना है उसे दर तेरे ही आना है। झोली को लिए, आये हैं चले, कहते हैं भर जाना। जब कलश... परिचय :- रश्मि लता मिश्रा निवासी : बिलासपुर (छत्तीसगढ़) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी ...
राम पैयां चलो मैं निहारूँ तुम्हे
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राम पैयां चलो मैं निहारूँ तुम्हे

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** राम पैयां चलो मैं निहारूँ तुम्हे, छुपके लीला करो मैं पुकारूँ तुम्हे। राम पैयां चलो... तेरा सौदर्य नयनों को पावन करे, तेरी किलकारी कानों में मधुरस भरे। खेलते खेलते तुम गिरो तन सने, पोंछ आँचल से तन को सवारूँ तुम्हें। राम पैयां चलो... तीन भाई तेरे, तीन माएँ तेरी, सब न्यौछावर हो तुमपे ये विनती मेरी। तुम सलोने हो जग को लुभाते रहो पर कुटिल दृष्टि से मैं बचा लूं तुम्हें। राम पैयां चलो... तीनों माँओं की आंखों के तारे हो तुम, राजा दसरथ को प्राणों से पयारे हो तुम। तेरे दर्शन में इतना मगन मैं रहूं, जग से जाने के पहले ही पा लूँ तुम्हे। राम पैयां चलो ... https://youtu.be/5Suck6lrEnU राम पैयां चलो मैं निहारूँ तुम्हे भजन को स्वर दिया है सुप्रसिद्ध गायिका रोली प्रकाश ने परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र ...
हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम
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हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम

रश्मि श्रीवास्तव “सुकून” पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़) ******************** हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम हे रघुकुल के दीपक श्री राम तुम्हें फिर आना होगा सतयुग वापस लाना होगा हे कौशल्या नंदन श्री राम इस धरती पर लोगों को अकाल मृत्यु से बचाना होगा तुम्हें फिर आना होगा हे जानकी वल्लभ श्री राम चल रही विनाश लीला में विराम लगाना होगा तुम्हें फिर आना होगा हे रघुनंदन हे श्री राम जीवन मृत्यु के इस खेल में जीवन को जीत दिलाना होगा तुम्हें फिर आना होगा हे भरताग्रज हे श्री राम डरे और सहमे लोगों में साहस भरना होगा इस डर को भगाना होगा तुम्हें फिर आना होगा हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम इस जीवन के अँधियारे में आशा के दीप जलाना होगा तुम्हें फिर आना होगा सतयुग वापस लाना होगा परिचय : रश्मि श्रीवास्तव “सुकून” निवासी : मुक्तनगर, पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़) घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना...
हनुमत कृपा
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हनुमत कृपा

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** "राम" की पग धूल को, मस्तक लगा चंदन बनेगा। पायेगा हनुमत्कृपा और, शीघ्र ही कंचन बनेगा। राम की पग धूल............ राम ने सृष्टि रची, और वो ही इसको पालता है। जिसमे हो आशक्ति जिसकी, उसमे उसको ढालता है। कर्म में है स्वतंत्र तू , प्रभु में रमा तो रतन बनेगा। राम की पग धूल......... भक्त हनुमत सबको ही हैं, "राम नाम" का मंत्र देते। आस्था दृढ़ होती उनकी, जो है इसको मान लेते। डूब जा सुमिरन में तो तू, भक्ति पथ पर बढ़ चलेगा। राम की पग धूल............... भूत को तू भूलकरके, नाम गंगा में नहा ले। वो तो है करुणा का सागर, तू भी उसकी कृपा पा ले। नाम सांसो में रमा पाया, तो मुक्ति रथ चढ़ेगा। "राम" की पग धूल.......... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भ...
तेरा थाल सजाऊँगी
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तेरा थाल सजाऊँगी

ममता श्रवण अग्रवाल (अपराजिता) धवारी सतना (मध्य प्रदेश) ******************** आओ साई घर पर मेरे, तेरा थाल सजाऊँगी। रुचि रुचि के पकवान बना मैं, तुझको भोग चढ़ाऊंगी।। तुम आओगे जब घर मेरे, भर जायेंगे भंडार मेरे। मेरे घर के खालीपन में, रच जायेंगे अरमान मेरे।। नही रहेगी कोई प्यास तब, और न कोई रहे रिक्तता। चारो तरफ रहे उजाला, और हो मन में एक पूर्णता। फिर रूखा सूखा बना बना मैं तुझको रोज खिलाऊंगी। कहीं लगे न कड़वा तुझको, मैं चख चख तुझे खिलाऊँगी।। तू भी समझ कर भाव मेरे, बडे प्यार से भोजन करना। और जैसे भरना मेरी झोली, वैसे ही तुम सबकी भरना।। परिचय :- ममता श्रवण अग्रवाल (अपराजिता) निवासी - धवारी सतना (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फ...
भोला ना भईल दर्शनवां
भजन

भोला ना भईल दर्शनवां

ओंकार नाथ सिंह गोशंदेपुर (गाजीपुर) ******************** https://youtu.be/iA7yWdwj8d8 भोला ना भईल दर्शनवां बीतल जाला सवनवां ना भोला ना भईलं दर्शनवां बीतल जाला सवनवां ना बादल गरजे चमके बिजुरिया रिमझिम बुनिया रात अनरिया नया रोगवा चलल बा करोनवां बीतल जाला सवनवां ना भोला......... हर मंदिर के वंद केवरिया बहरे खाढ बाटे सिपहिया चला बहरे से करब अरचनवां बीतल जाला सवनवां ना लीखे ओंकार ई त सवनी कजरिया ना लागे काहू क नजरिया रही अगले बरस क अरमनवां बीतल... ... भोला ना भईलं....... परिचय :-  ओंकार नाथ सिंह निवासी : गोशंदेपुर (गाजीपुर) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। https://youtu.be/4NSBGzwFVpg आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन...
महाशिवरात्रि
गीत, भजन

महाशिवरात्रि

विरेन्द्र कुमार यादव गौरा बस्ती (उत्तर-प्रदेश) ******************** चलो भक्तों शिव के शिवाले, शिवलिग पर जल चढ़ाले। शिव शंभू को मनाने शिवाले चले, चलो सभी चले जल चढ़ाने चले। चलो भोले बाबा को मनाने चले, शिवलिग पर सभी जल चढ़ाने चले। गंगधारी बम भोले को मनाने चले, चलो भोले भंडारी को मनाने चले। मस्ती में झूमते गाते नंगे पैर चले, चलो भक्तों त्रिपुरारी के धाम चले। सुबह चले, दोपहर चले और शाम चले, हम शिव-भक्त लगातार झूमते चले। आओ चले जटाधारी को मनाने चले, जब निकले, भोले का ही नाम निकले। भक्तों चले भोले-बाबा को मनाने चले, झूमते-गाते हम शिव के शिवाले चले। औघड़दानी को, भोले को मनाने चले, चलो शिव-भक्तों हम जल चढ़ाने चले। त्रिपुरारी, त्रिशूलधारी को मनाने चले, चलो भक्तों शिवाले जल चढ़ाने चले। परिचय :- विरेन्द्र कुमार यादव निवासी : गौरा बस्ती (उत्तर-प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह ...
सरस्वती वंदना
भजन

सरस्वती वंदना

डॉ. पंकजवासिनी पटना (बिहार) ******************** जय शारदे माँ! जय शारदे माँ! अज्ञानता से हमें तार दे माँ!! बढ़ रहा तिमिर घनघोर चहुँओर! अँधियारे जग का नहीं ओर छोर!! सब ओर दिव्य प्रकाश भर दे माँ!!! जय शारदे माँ! जय शारदे माँ! अज्ञानता से हमें तार दे माँ!! हृदय में भरा है घना अँधेरा! स्वार्थ वैमनस्य डाले है डेरा!! हृदय में निर्मल प्रेम का सर दे माँ!!! जय शारदे माँ! जय शारदे माँ! अज्ञानता से हमें तार दे माँ!! असहिष्णुता से हुई हवा जहरीली! अविश्वास का दुनिया विष पी ली!! मन का कलुष सब तू हर ले माँ!!! जय शारदे माँ! जय शारदे माँ! अज्ञानता से हमें तार दे माँ!! निज दुख से दुनिया है अकुलाई! यहाँ समझे न कोई पीर पराई!! परदुखकातरता का निर्झर दे माँ!!! जय शारदे माँ! जय शारदे माँ! अज्ञानता से हमें तार दे माँ!! तू ही है शक्ति! तू ही है भक्ति!! तू ही एक सहारा.. दग्ध हृदय ने तुझको पुकारा. एक बार स्न...
कंकाली स्तुति
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कंकाली स्तुति

ओमप्रकाश सिंह चंपारण (बिहार) ******************** श्री कंकालीकायै नमः जगत कल्याणी जानकर,ब न्दों चरण तुम्हार। समस्त कामना पूर्ण करो, हरहु क्लेश हमार। जय माँ कंकाली क्लेश बिनाशनी। जग-जननी शम्भु भामिनि।। शवारूढ़ श्मशान -वासिनी। उग्ररूप अभयंकर करणी।। श्याम-वर्ण बाघम्बर धारी। लक्ष सूर्य सम ताप तुम्हारी।। पिंगल जटा अरुण त्रिनैनी। चतुर्बाहु भुजदंड बिशाला।। खप्पर जलज कत्री कृपाणा। हस्त लिए तुम काल समाना।। पद नख झलमल ज्योतिरत्न की। छुअत खुलत कपाट नयन की।। वाक चातुरी छंद गायिका। तू पूर्ण ब्रम्ह ब्रमांड नायिका। तू माँ पूर्ण पुनः तू रीता। सगुनागुण से परे अनिता।। जड़ चेतन अरु जीव प्रवीणा। सब तुममे तुम सबमे लीना।। सभी तुम्ही से जीवन पाते। अन्त समय तुझमे मिल जाते।। यंत्र मंत्र इतिहास पुराना। आगम निगम वेद प्रमाणा।। घोर छटा माँ तरी जितनी। परम कारुणिक हो तुम उतनी।। दया मात्र माँ जा पर तेरी। ऋद्धि-सिद्धि...