गणेश स्तवन
अनुराधा प्रियदर्शिनी
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
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जय जय जय गणपति महाराजा
मंगल भरण गणपति शुभ काजा
विद्या बुद्धि सबको देते हैं गणेशा
अंधकार उर का हर लेते महराजा
गौरीसुत शिवनंदन गणपति देवा
प्रथमपुज्य देवों में गणनायक देवा
ऋद्धि सिद्धि के स्वामी हैं गणेशा
मंगल मूरत शुभ फलदायक देवा
पीताम्बर ओढ़े चार-भुजा धारी
मनमोहनी सूरत भक्तन सुखकारी
मोदक भोग गणेशा अति भायी
मूषक वाहन की करते हैं सवारी
जो भी द्वार पे तिहारे आ जाता
खाली कभीं भी नहीं वो जाता
विध्न-विनाशक गणनायक देवा
मनवांछित फल के तुम हो दाता
तेरे दर आकर मैं पुकार लगाऊँ
विपदा सुना कर अरज लगाऊँ
विध्न हरो हे गणेशा मैं पुकारूँ
श्रद्धा पुष्प अर्पित कर मैं जाऊँ
परिचय :- अनुराधा प्रियदर्शिनी
निवासी : प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित...