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आया है नवरात्रि का त्योहार
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आया है नवरात्रि का त्योहार

सोनल मंजू श्री ओमर राजकोट (गुजरात) ******************** आया है नवरात्रि का त्योहार। नवरात्रि में माँ का सजेगा दरबार। गली-गली गूँजेंगे भजन कीर्तन, माँ अंबे की होगी जय जय कार।। आयी है होकर शेरों पर सवार। माता ने किये है सोलह श्रृंगार। लगे सौम्य सुंदर मुखड़ा माँ का, दिखता आँखों में असीम प्यार।। माँ ने करने को भक्तों का उद्धार। नवरात्रि में लिये थे नौ अवतार। पाप जब बढ़ गया था दुष्टों का, किया था माँ ने असुरों का संहार।। मेरा हृदय है मइया आपका द्वार। आपकी कृपा से होगा बेड़ा पार। सुख, समृद्ध, स्वस्थ हो प्रियजन, सुनो इतनी अरज करो उपकार।। जगदम्बे अब फिर से लो अवतार। या भर दो बेटियों में शक्ति अपार। डाले जो कोई उनपर गन्दी नजर, चंडी बनके कर दे दुष्टों का संहार।। परिचय - सोनल मंजू श्री ओमर निवासी : राजकोट (गुजरात) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुर...
कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ
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कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** कई-कई भेद बताऊ, सांवरिया थारो कई कई भेद बताऊ।। मामा जेल में जनम लियो हैं, यशोमती गोद खेलायो। कन्हैया थारो कई-कई भेद बताऊ।। द्रोपदी को तुने चीर बढायो, साडी़ मै लिपटायो कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। मीरा ने जब जहर पियो हे, विष को अमृत बनायो , कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। यमुनाजी मै नाग को नाथ्यो फण फण निरत करायो, कानुडा थारो कई-कई भेद बताऊ।। गोवर्धन को तुने नख पर धार्यौ, ब्रज मण्डल को बचायो, गिरिधारी थारो कई-कई भेद बताऊ।। सखा सुदामा को गले से लगाया, प्रेम का भाव जगाया, साँवरिया थारो कई-कई भेद बताऊ।। म्हारे अंगना में कान्हा तुम हो पधारो, गुटवन गुटवन काना चलकर आओ, लाला भाव दर्शाओ । कन्हैया थारो कई-कई भेद बताऊ।। परिचय : किरण पोरवाल पति : विजय पोरवाल निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्...
जय हो श्री बालाजी
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जय हो श्री बालाजी

संजय वर्मा "दॄष्टि" मनावर (धार) ******************** श्री बालाजी मेरे और मैं श्री बालाजी के संग सहारे जा रहे नाचते गाते सभी भक्त दर्शन को बिना विचारे सबके मनमोहक और सजे-धजे धाम के राज दुलारे श्री बालाजी मेरे और मैं सदैव श्री बालाजी के संग सहारे। सनातन धर्म की जय हो हिंदू राष्ट्र के भक्त पुकारे समस्याओं का समाधान चमत्कार से दरबार मे निखारे दूर दराज से पग-पग आकर नमन करें भक्त तुम्हारे श्री बालाजी मेरे और मैं सदैव श्री बालाजी के संग सहारे। अर्जी और मंत्र जाप के जरिये हो जाते हर काम हमारे कलयुग में कैसा चमत्कार काम हो रहे श्री बालाजी सहारे लगावे दिया करके याद नित्य पाठ करें और आरती उतारे श्री बालाजी मेरे और मैं सदैव श्री बालाजी के संग सहारे। परिचय :- संजय वर्मा "दॄष्टि" पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा जन्म तिथि :- २ मई १९६२ (उज्जैन) शिक्षा :- आय टी...
आत्मशुद्धि कराता दसलक्षण ब्रत
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आत्मशुद्धि कराता दसलक्षण ब्रत

ललित शर्मा खलिहामारी, डिब्रूगढ़ (असम) ******************** आत्मशुद्धि की पवित्रता का आता हर वर्ष दशलक्षण पर्व दस सोलह बत्तीस दिन भक्तिभजन सत्संग ध्यान में एकाग्रता में लीन कराता दशलक्षण व्रत पर्व तनमन से व्रत का पालन अन्नत्याग कर आंतरिकता से आध्यत्मिक भक्ति में आत्मशुद्धि की शक्ति खूब लाता अन्तर्मन के रग रग में दसलक्षण पर्व भाद्र पद का पवित्र महीना आराधना, उपासना और बन जाता साधना का आत्मशुद्धि की शरण में सिखलाता जीवन जीना सबजन को सिखलाता कितना है नियम कठिन बतलाता दसलक्षण पर्व अनर्गल आपाधापी त्यागकर अपनेआप को करता एकांत रहना है भक्तिभजन नियम में नियम धर्म की संगत में खुद हो जाता शांत ब्रत उपवास पालन करता मनाता दसलक्षण पर्व छोड़कर मोहमाया काया को देता आराम त्यागकर अंधाधुंध भागदौड़ ब्रत करता अन्तर्मन से ईश्वर से आत्मशक्ति की विनती करता कहता सफल...
मां अंजनी के लाल
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मां अंजनी के लाल

किरण पोरवाल सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश) ******************** मां अंजनी के लाल है, पवन पुत्र हनुमान है, राम जी के दास है, रुद्र काअवतार है। तेजपुंज हनुमान है, महावीर बलवान है। राम काज में सदा है तत्पर, ऐसे संकट मोचन हनुमान है। बाल्यकाल में सूर्य को निगले, पृथ्वी पर हाहाकार है, सौ योजन समुंद्र को लागे, पवन पुत्र हनुमान है। लंका दहन किया है तुमने, मां सीता का पता लगाया है। राम की मुद्रिका सीता को दिनी, चूड़ामणि राम को लाए विश्वास के तुम सागर हैं। द्रोणागिरी पर्वत को लाए, बूटी घोट पिलाई है। लक्ष्मण के तो प्राण बचाए, ऐसे रक्षक बलशाली है। रावण जिससे डरा हमेशा, ऐसे मर्कट हनुमंत लाल है। राक्षसों का नाश कर आये, राम सिया का मिलन कराया, रामचरण अनुराग है। ह्रदय में सीताराम है, राम जी के दास है। आज्ञाकारी सेवक देखो, मां अंजनी का लाल है। परिचय :...
यदुवंशम : प्रभु श्रीकृष्ण
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यदुवंशम : प्रभु श्रीकृष्ण

अशोक कुमार यादव मुंगेली (छत्तीसगढ़) ******************** स्वर्ग से उतर आए भगवान विष्णु, माँ देवकी के गर्भ से लेने अवतार। युगपुरुष कृष्ण बनकर जन्म लिया, अत्याचारी कंस का करने संहार।। बालपन में राक्षसों का वध किया, वृंदावन में सखा संग गाय चराये। बजाकर मनमोहक सुरीली बाँसुरी, गोपियों को अपने संग में नचाये।। चौंसठ कलाओं के सर्वश्रेष्ठ ज्ञाता, द्वापरयुग के आदर्श देव दार्शनिक। निष्काम कर्मयोगी और स्थितप्रज्ञ, महान् विश्व गुरु प्रभु द्वारकाधीश।। विराट रूप तीन लोक, चौदह भुवन, कुरुक्षेत्र में अर्जुन को किया प्रेरित। त्रिकर्म, जीवन, सुख-दुःख के चक्र, गीता ज्ञान के गंगा करके प्रवाहित।। यादव वंश के शिरोमणि, कुलभूषण, युगों-युगों तक भारत में यदुवंशी राज। आपको जन्मदिन की बधाई हो कान्हा, हम पर कृपा बना कर देना आशीर्वाद।। परिचय : अशोक कुमार यादव निवासी : मुंगेली, (छत्तीसगढ़) ...
केदारनाथ से विनती
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केदारनाथ से विनती

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मुझे अपने दर पर बुलालो ओ बाबा, दरस को तेरे प्राण अटके हुए है। है माया ने घेरा, तुम्हारी है माया, उसी में है भटके और लटके हुए हैं। मुझे अपने दर... जिन्हें किया प्रेरित, वे पहुंचे तेरे दर, मगर मैं अभागा, पहुंच ही न पाया। दुबारा गए तेरे दर, भक्त काफी, मगर घोर बारिस, ने वापस भगाया। पसीजोगे एक दिन, तड़प पर मेरी तुम, इसी आस डोरी से लटके हुये हैं। मुझे अपने दर... तेरे ग्यारह लिंगों के, दर्शन गए हो, हुए ज्यों ही दर्शन, तो मन शांति पाया। लगा हूँ ,कई वर्षो से पंक्ति तेरी, मगर तुमने मेरे संदेशा, न पाया। किया काठमांडू, में तेरा शिवार्चन, उन्हें भी बताया, कि भटके हुए हैं। मुझे अपने दर... ७८ बरस होगये, मेरे पूरे, बुला लो जन्मदिन, तेरे दर मनाऊं। परम भाग्य जागेगा, मेरा उसी दिन, जिस दिन बाबा तेरे, मैं दर्शन को पाऊँ...
हम प्रभु जी की कठपुतली हैं
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हम प्रभु जी की कठपुतली हैं

अंजनी कुमार चतुर्वेदी निवाड़ी (मध्य प्रदेश) ******************** सबके जीवन के रक्षक हैं, कान्हा मुरली वाले। सदा बदलते धवल ज्योति में, जीवन के दिन काले। बीच भँवर में डोल रही है, हम भक्तों की नैया। तुम ही मेरे जीवन रक्षक, तुम ही नाव खिवैया। जीवन डोर हाथ है प्रभु के, प्रभु जी सदा बचाते। हम प्रभु जी की कठपुतली हैं, प्रभु जी हमें नचाते। भक्तों की जीवन नैया को, खेते स्वयं विधाता। भक्तों की रक्षा करने को, खुद रक्षक बन जाता। गज अरु ग्राह लड़े जल भीतर, अंत समय गज हारा। गज की रक्षा करने के हित, श्रीहरि बने सहारा। बन जाते हरि सबके रक्षक, करते सदा सुरक्षा। अपने भक्तों के जीवन की, हर पल करते रक्षा। रक्षक बनकर लखन लाल ने, चौदह बरस बिताए। मार दशानन, सिया सहित प्रभु, लौट अवधपुर आए। रक्षक बने, विभीषण के प्रभु, अपना दास बनाया। आया शरण विभीषण प्रभु की, लंकापति ...
मेरी कल्पना से
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मेरी कल्पना से

संजय कुमार नेमा भोपाल (मध्य प्रदेश) ******************** मेरी कल्पना से, प्रभु तुम्हारी, छवि बनाता रहूं। प्रभात वंदना में तुम्हारे दर्शनों को करता रहूं। सुमिरन कर चिंताओं को, प्रभु चरणों में रखता। प्रभु भक्ति में तुम्हारी नित, नई छवि बनाता। कल्पनाओं में डूबा, नए-नए विचारों को रखता। भक्ति से अपनी अरज को लगाता। तेरी कल्पनाओं में प्रभु दर्शन को पाता। कभी छलिया तो भोले भंडारी कहता। इसी बहाने कल्पनाओं में प्रभु दर्शन करता। प्रभु दर्शन में नित नित सुंदर छवि बनाता। मांगू यही, मेरी कल्पनाओं में दर्शन देते रहना। प्रभु कृपा बनाए रखना। दिल मैं छवि बनाए रखना। परिचय :- संजय कुमार नेमा निवासी : भोपाल (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्...
प्रेम दिवानी
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प्रेम दिवानी

डोमेन्द्र नेताम (डोमू) डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़) ******************** ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन। वो प्रभु गुन गाती रही, हो के मगन।। बंधन है प्रभु से रिश्तों के दिल से हम निभाएगे। प्यार, स्नेह, दुलार से पावन रिश्ते को सजाएंगे।। प्रभु के प्रति है, अटूट स्नेह प्रेम। मीरा की है अटूट विश्वास, नही है कोई क्लेम।। दीया और बाती हम पवित्र है जिनका बंधन। ऐसी मेरी प्रभु के साथ बंधा रहे बंधन।। तहे दिल से करते है हम सादर वंदन प्रणाम। स्वीकार कीजिएगा प्रभुजी हमारा प्रणाम।। पुष्प गुच्छ और तिलक चंदन स्वागत और वंदन। प्रभुजी मेरी हृदय में आपका है हार्दिक अभिनंदन।। हम साथ-साथ है तो साथ निभाना प्रभु जी मेरी। प्रेम प्यार विश्वास को मत छोड़ना हे कृष्ण मुरारी।। हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती। हर चाहत के पिछे कोई कहानी नही होती।। कुछ तो बात है मोहब्बत...
हनुमान जन्म
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हनुमान जन्म

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया भोपाल (मध्यप्रदेश) ******************** चैत्र मास पूर्णिमा आई, हनुमान जन्मोत्सव अपने संग लाई। हम सबके उर में अपार आनंद पाई, चहुंओर हर्ष की लहर छाई। हम सब हनुमान जन्मोत्सव धूमधाम से मनाई। हे!हनुमान तेरे दर्शन को नैना तरस गए, हे!पवन पुत्र हनुमान। आज भारत भू जन्मे हो। हे! राम भक्त हनुमान, तुम्हें हम करबद्ध हो सादर करें प्रणाम। सबहि भक्त तेरे चरणों में लिपट जाए। हे!पवन पुत्र तुम तो शंकर अवतारी हो। अंजनी लाल हो जग के तुम, तेरी महिमा अति न्यारी, निराली अनंत। तुम सूरज निगल बजरंगी कहलाए हो। लंका जला सीता सूचना लाए, लक्ष्मण प्राण बचाने, पूरा पर्वत उठा लाए। हम सब तेरा गुणगान करें। ऐसा वरदान दो। घर-घर तेरा नाम करें, दुष्ट दलन तुम कहलाए, भक्तों के कष्ट हरने आए हो। दो शक्ति हमें इतनी अपार, हम तेरी सेवा निस्वार्थ भाव से कर पाए...
अजर-अमर हैं अंजनि नंदन
भजन, स्तुति

अजर-अमर हैं अंजनि नंदन

अंजनी कुमार चतुर्वेदी निवाड़ी (मध्य प्रदेश) ******************** बुद्धिमान तुम महाबली हो, ज्ञानी गुणी कहाते। स्वर्ण शिखर-सी देह आपकी, बजरंगी कहलाते। ज्ञान गुणों के सागर हो तुम, अतुलित बल तन भरते। रामदूत कहलाते हो तुम, कष्ट सभी के हरते। पवन पुत्र, हनुमान हठीले, पवन वेग से जाते। रक्त वर्ण फल समझ सूर्य को, पलभर में खा जाते। अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, बल बुद्धि विद्या देते। भय-बाधा, पीड़ा जीवन की, पल भर में हर लेते। अजर-अमर, तुम अंजनि नंदन, दूर करो मम पीड़ा। करने खोज, जानकी जी की, लिया आपने बेड़ा। ह्रदय आपके राम सिया हैं, राम दूत बजरंगी। संकट मोचन, कुमति निवारक, सदा सुमित के संगी। तेजपुंज महावीर आपको, सीताराम हमारी। सेवा भाव देख हनुमत का, स्वयं राम बलिहारी। दुर्गम काज जगत के जितने, सभी सुगम हो जाते। पाते हैं बैकुंठ, भक्त जन, जो हनुमत गुण गाते...
राम नवमी
भजन, मुक्तक

राम नवमी

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** प्रभू राम के अवतरण का दिवस है, था उद्देश्य क्या ये जगत को बताओ। प्रभू नाम पावन है गंगा के जल सा, जपो इसको और जग से मुक्ति को पाओ। प्रभु राम के... प्रभू ने मनु को वचन ये दिया था, मैं बन पुत्र आऊंगा घर मे तुम्हारे। धरा को प्रभू ने वचन ये दिया था, हारूँगा तेरा भार राक्षस संघारे। वचन को निभाकर दिया ये संदेसा, वचन जो दिया है उसे तुम निभाओ। प्रभू राम के ... ऋषि श्राप को मान देने के हेतु, रची लीला, सीता हरण थे कराये। विरह में बिलखते फिरे वो बनो में, तो हनुमंत ले जाके स्वामी मिलाये। दिया वचन उसको तेरा दुःख हारूँगा, और तुम खोज सीता को मैत्री निभाओ। प्रभू राम के... प्रभुनाम उच्चार हनुमत गए तो, हरी माँ की पीड़ा, और लंका जलाये। चले रामजी साथ बनार और भालू, थे नल नील लिख "राम" सेतु बनाये। दिए कई अवसर पर दंभी ...
मातारानी का है आगमन
भजन, स्तुति

मातारानी का है आगमन

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मातारानी का है आगमन हो गया, उनकी महिमा उन्ही को सुनाते चलो। पूरे नौराते माता की महिमा को गा, उनकी करुणा कृपा, नित्य पाते चलो। मातारानी का है... नौ दिनों मेरी मैय्या के नौ रूप है, रहती शीतल सदा, काली में धूप है। वो बुलाती है भक्तों को निज धाम पे, तुम भी पग उनके दर को बढ़ाते चलो। मातारानी का है.... मैय्या का भव्य होता है श्रंगार नित, वो बहाती है करुणा को भक्तों के मित। कवि को महिमा बताती, वो लिखते उसे, स्वर के ज्ञाता हो तो, उनको गाते चलो। मातारानी का है... नौ दिनों तक बरसता है, अमृत जहां, भक्त मैय्या की महिमा को गाते जहां। मैय्या मोती लुटाने को आई धारा, तुम भी दर जाके, झोली फैलाते चलो। मातारानी का है ... परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ ...
राम नाम यशगान
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राम नाम यशगान

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे मंडला, (मध्य प्रदेश) ******************** राम नाम है वंदगी, राम नाम यशगान। राम नाम सुख-चैन है, नित्य धर्म का मान।। राम नाम तो ताप है, राम नाम में साँच। राम नाम यदि संग तो, कभी न आती आँच।। राम नाम सुख से भरा, राम नाम रसधार। राम नाम आराध्य तो, महके नित संसार।। राम मोक्ष हैं, दिव्य हैं, जग के पालनहार। राम शरण में जो गया, पाता वह उपहार।। राम नाम तो सूर्य है, राम नाम अभिराम। राम नाम आवेग है, नित ही तीरथधाम।। राम नाम तो श्रेष्ठ है, राम नाम आदर्श। तरे मनुज भव से सदा, मिले राम का स्पर्श।। राम नाम शुचिता लिए, राम नाम में सार। राम नाम वरदान है, राम नाम उपहार।। राम नाम उजियार है, हर ले जो अँधियार । राम नाम यशगान है, राम नाम जयकार।। राम नाम मधुरिम-सुखद, राम रहें आराध्य। राम नाम है वंदगी, राम प्रखर अध्याय।। राम नाम आशीष...
सूर्यवंशी राम
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सूर्यवंशी राम

अशोक कुमार यादव मुंगेली (छत्तीसगढ़) ******************** चतुर्भुज गोविन्द के अवतारी, लीलाधारी घनश्याम। दशरथ नंदन, रघुकुल भूषण, मर्यादा पुरुषोत्तम राम।। सूर्यवंश के प्रतापी अधिपति, त्रेतायुग के पुरुष विराट। प्रजाओं के परम पूजनीय, आदर्श देव महान सम्राट।। गुरु वशिष्ठ के प्रिय शिष्य, धनुर्विद्या में अति प्रवीण। करुणानिधान, दयालु,जन मन कीर्ति किया उत्कीर्ण।। दीन-हीन, पतितों के अभिरक्षक, रणबांकुरा, रणधीर। दानव और राक्षस संहारक, सर्व शक्तिमान, शूरवीर।। माता-पिता वचन अनुगामी, प्रिया के प्रति समर्पण धर्म। भ्राता के प्रति स्नेहिल व्यवहार, न्याय संगत, राज कर्म।। मित्र के प्रति सहयोग भावना, मृदुभाषी,सरल व्यक्तित्व। लोकमंगल, जनकल्याण, खुशहाल, समृद्ध था प्रभुत्व।। रामराज्य में अंगीय, अगत्या, पार्थिव तापों से थी मुक्ति। किंचित मृत्यु, व्याधि व्यथा की थी प्रभावज...
नव सृजन
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नव सृजन

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** मानवता की सेवा में लग , तू भी अपना भाग्य जगा ले। ईश्वर है करुणा का सागर, तू भी उसकी करुणा पा ले। मानवता की सेवा......... ईश्वर ने करुणा कर मानव तन, मुक्ति के हेतु दिया है। पर माया के दल दल में, फंसकर हमने दुरपयोग किया है। जो जग माया में उलझेह हैं, उनको तू प्रभु धाम दिखा दे मानवता की.......... जिनको प्रभुका धाम भा गया, प्रभु भक्ति में रम जाएंगे। सुमिरन होने लगा नाम का, तो माया से बच जाएंगे। तीर्थाटन का स्वाद चखने को जीवन उद्देश्य बना ले। मानवता........... जिसको प्रभु सम्पन्न बनाता, वो धन का उपयोग करेगा, नहीं बढ़े पग सन्मार्ग पर, तो धन का दुलयोग करेगा तू सन्मार्ग दिखाकर उसमो, उसके धन को धन्य बना ले। मानवता की........ परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा निवास : जानकीपुरम (लखनऊ) घोषणा पत्र : मैं यह प्र...
कान्हा तुमने बुलाया
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कान्हा तुमने बुलाया

प्रेम नारायण मेहरोत्रा जानकीपुरम (लखनऊ) ******************** कान्हा तुमने बुलाया, तो हम आ गये। दरस पाके तेरा, सब मगन हो गए। कान्हा ... तुम बुलाते जिन्हें वे ही आ पाते हैं, शेष माया के दलदल में फंस जाते हैं। तुमने सुमिरन के मित दिया मानव का तन, लाभ उसका नहीं सब उठा पाते हैं कुछ हैं आते स्वयं, बंध के आते हैं कुछ, आये कैसे भी हों, भाग्य तो जग गए। कान्हा तुमने ... यों ही करके कृपा, तुम बुलाते रहो, पूर्ण आस्था से हम, दर पे आते रहें। तुम तो करुणा के मोती, लुटाते सदा, हम भी दर आके झोली फैलाते रहें। जिनने देखी तुम्हारी सलोनी छवि, राह के थे जो कंकण, रतन हो गए। कान्हा तुमने ... तुम दयालु हो, सक्षम हो, दाता भी हो, किसकी क्या चाह है, इसके ज्ञाता भी हो, अपने भक्तों के हर, हित के रक्षक हो तुम, उनके दोषों और पापों, के भक्षक हो तुम। घोर पापी भी तेरी, शरण आ गए, तेरी दृष्ट...
कालो के काल महाकाल
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कालो के काल महाकाल

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया भोपाल (मध्यप्रदेश) ******************** कालो के काल महाकाल शिव भोला महान महाकाल महिमा अपरंपार। आज महाशिवरात्रि आई। संग अपने अति उल्लास उमंग लाई। भारत-भू पर शिव भोले अवतरित हुए। हम सब भारतीयों के उर अपार हर्षाए। जन-जन के घट-घट में शिव समाए। हर भक्त शिव भोले। ओम नमः शिवाय की रट लगावे। सबही भक्त भोर से रात्रि तक। शिव भोले का जाप करें। शिव भोले भक्तों का कष्ट हरे। हर पल शिव भोले को सम्मुख पावे। सकल भारत वायुमंडल शिवमय बनावै। मंदिर-मंदिर, घर-घर घंटा-घंटी ध्वनि बाजे। शिव भजन-कीर्तन कर्णप्रिय मन भावे। भांग, धतूरा, आंकड़ा, बेलपत्र। दूध भक्त चढ़ावे। शिव भोले भक्तों के लिए संदेशा लाए। सभी भक्त अपने अंतस भरे। काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। विकार तज विकारमुक्त पावन। जीवन बना, शिव भोले को पावे। परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश ...
देवों के देव
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देवों के देव

डोमेन्द्र नेताम (डोमू) डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़) ******************** देवों के देव तुम कहलाए, हे शिव भोले भंडारी। फूल पत्ते में आप खुश हो जाते, पुजा करे नर-नारी।। आज आपकी पावन है त्यौहार, जाते हैं सभी शिव के द्वार। कष्ट निवारण दु:ख हर्ता वो, खुशियां मिले हजार।। ब्रम्हां विष्णु तेरी महिमा गाए, तन-मन में बसे रहो तुम हरदम। क्या कहे भोलेनाथ जी, आप हो सत्यम शिवम् सुन्दरम।। शिव की शक्ति शिव की भक्ती , शिव की महिमा अपार। शिव ही करेंगे हम सभी, का सुन्दर बेड़ा पार।। जय हो जय हो शिव शंकर, जय हो भोलेनाथ की। चल रें कांवरिया शिव के, नगरिया जय हो बाबा अमरनाथ की।। कहाॅ॑ मिलेगा मथुरा कांशी, कहॉ॑ वृंदावन तीरथ धाम। घट-घट में तो शंकर भोले जी विराजे, शीश झुकाकर डोमू कर लो सादर प्रणाम।। परिचय :-  डोमेन्द्र नेताम (डोमू) निवासी : मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छत्त...
हे शिव परमेश्वर
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हे शिव परमेश्वर

सरला मेहता इंदौर (मध्य प्रदेश) ******************** मनहरण घनाक्षरी हे शिव परमेश्वर प्रभु अर्ध नारीश्वर अखिलेश्वर स्वयम्भू माँ काली समाई है धारे सर्प आभूषण अवतारे नीलकंठ विषपान करके ये संसार उद्धारे हैं भिक्षापात्र हाथ थामे अन्नपूर्णा माँ के द्वारे भक्तन कल्याण हेतु त्रयम्बक ठाड़े हैं त्रिलोकी त्रिनेत्री देवा स्वीकारते भोले सेवा हर हर महादेव रामजी पुकारे है परिचय : सरला मेहता निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश) घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है। आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी म...
हे! औघड़दानी
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हे! औघड़दानी

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे मंडला, (मध्य प्रदेश) ******************** औघड़दानी, हे त्रिपुरारी, तुम भगवन् स्वमेव। पशुपति हो तुम, करुणा मूरत, हे देवों के देव।। तुम फलदायी, सबके स्वामी, तुम हो दयानिधान। जीवन महके हर पल मेरा, दो ऐसा वरदान।। आदिपुरुष तुम, पूरणकर्ता, शिव, शंकर महादेव। नंदीश्वर तुम, एकलिंग तुम, हो देवों के देव।। तुम हो स्वामी,अंतर्यामी, केशों में है गंगा। ध्यान धरा जिसने भी स्वामी, उसका मन हो चंगा।। तुम अविनाशी, काम के हंता, हर संकट हर लेव। भोलेबाबा, करूं वंदना, हे देवों के देव।। उमासंग तुम हर पल शोभित, अर्ध्दनारीश कहाते। हो फक्खड़ तुम, भूत-प्रेत सँग, नित शुभकर्म रचाते।। परम संत तुम, ज्ञानी, तपसी, नाव पार कर देव। महाप्रलय ना लाना स्वामी, हे देवों के देव।। परिचय :- प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे जन्म : २५-०९-१९६१ निवासी : मंडला, (मध्य प्रदेश) शिक्ष...
सरस्वती वंदना
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सरस्वती वंदना

कुंदन पांडेय रीवा (मध्य प्रदेश) ******************** वंदन करूं..... मात सरास्वती तेरी महिमा का गुणगान करूं। वंदन करूं...... गुण पूरित वेद पुराण पति, तेरी महिमा का मैं बखान करूं। वंदन करूं..... हे बागेश्वरी माता कमलासिनी रज तेरी सर माथ धरूं। शोभा निज वृहद विसद हो माता, जब भी तेरा ध्यान करूं। करुणा की देवी ज्ञान मई, तेरा हरक्षण सम्मान करूं। वंदन करूं....... तेरी ही कृति हूं हे मां भारती तुझसे ही नित पूरित हूं। तेरी ही वाणी है ये माता, मैं बस तुझको ध्याती हूं। मन व्याकुल जब भी हो माता, ब्यूहल सी तेरी राह तकूं। वंदन करूं..... मात सरास्वती तेरी महिमा का गुणगान करूं। वंदन करूं..... परिचय :-  कुंदन पांडेय निवासी : रीवा (मध्य प्रदेश) उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है। ...
शिव-गौरी विवाह
भजन, स्तुति

शिव-गौरी विवाह

ज्ञानेन्द्र पाण्डेय "अवधी-मधुरस" अमेठी (उत्तर प्रदेश) ******************** बूढ़े बैल असवार, आये हिमगिरि के द्वार, ब्याहन गौरी सरकार, भोले भंडारी।। गल माहीं लिपटा है विषधर माथे बाल विधू है सुंदर डमरू संग हांथ तिरसूला नीलकंठ गंगाधर शंकर छाती नर मुंडन कै हार, बिछुआ कनवा झूलनदार है अद्भुत रूप सिंगार भोले भंडारी.... दीखैं रंग रंग बाराती कोऊ मोटा ताजा माती बिन मुख हांथ पाँउ बा केऊ केउतउ बहु अंगन जामाती कूकुर सुअर सियार, गदहा मुखन आकार, नाहीं इनकै है संभार भोले भंडारी.... नाचत भूतन सँगे परेता डाकिनी शाकिनी समेता जोगिनी संगती भिड़ावैं ढ़ोलक पिशाचिनी जमेता बैठी सकल जिंवार, रही बरातिन निहार, खोले सजरा हजार भोले भंडारी.... चहुँमुख बजे हैं नगाड़े ब्रह्मा विष्नु हैं पधारे सगरे देवा हैं पहुँचे राजा हिमाँचली द्वारे लखिके दमदा लीलार, मैंना पीटैं कापार, विधिन...
मैं विश्वनाथ का नंदी हूँ
भजन, स्तुति

मैं विश्वनाथ का नंदी हूँ

डॉ. अवधेश कुमार "अवध" भानगढ़, गुवाहाटी, (असम) ******************** मैं विश्वनाथ का नंदी हूँ, दे दो मेरा अधिकार मुझे। वापी में हैं मेरे बाबा, कर दो सम्मुख-साकार मुझे।। अब तो जागो हे सनातनी, डम-डमडम डमरू बोल रहा। न्यायालय आकर वापी में, इतिहास पुराने खोल रहा।। अब बहुत छुप चुके हे बाबा, करने दो जय-जयकार मुझे। एक विदेशी खानदान ने, मंदिर को नापाक किया था। मूल निवासी सनातनी के, काट कलेजा चाक किया था।। औरंगजेब नाम था उसका, वह धर्मांध विनाशक था। भारत माता के आँचल का, वह कपूत था, नाशक था।। आस्तीन में साँप पले थे, बहु बार मिली थी हार मुझे। ले रहा समय अब अँगड़ाई, खुल रहे नयन सुविचार करो। बहुत सो चुके हे मनु वंशज, उठ पुनः नया उपचार करो।। लख रहा दूर से बेसुध मैं, वर्षों से बाबा दिखे नहीं। मैं अपलक चक्षु निहार रहा, विधि भी आकर कुछ लिखे नहीं।। अवध अहिल्या...