जीवन के हर क्षेत्र में
प्रो. आर.एन. सिंह ‘साहिल’
जौनपुर (उ.प्र.)
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जीवन के हर क्षेत्र में दिखने लगे दुसाध
ताक रखे आदर्श सब रहे स्वार्थ बस साध
अब सत्कर्मों की जगह लेने लगा जुगाड़
कुत्सित हित के वास्ते अनुचित तर्क प्रमाण
रीति नीति का पड़ गया चारों तरफ़ अकाल
नक़ली असली बन बैठे फैला मायाजाल
समझ नही आता मुझे आया कैसा मोड़
चरण पादुका पूजकर है बढ़ने की होड़
सब मर्यादा भूलकर बदल लिए हैं चाल
माननीय गिरगिट हुए निष्ठा हुई हलाल
पाँच साल पूछा नहीं कभी किसी का हाल
टर्र-टर्र करने लगे फिर राजनीति के लाल
फँस जाती है जाल में जनता निपट गंवार
साहिल तक लाते नाहीं डुबो रहे मजधार
परिचय :- प्रोफ़ेसर आर.एन. सिंह ‘साहिल’
निवासी :जौनपुर उत्तर प्रदेश
सम्प्रति : मनोविज्ञान विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
रुचि : पुस्तक लेखन, सम्पादन, कविता, ग़ज़ल, १०० शोध पत्र प्रकाशित, मनोविज्ञान पर...