देवाधिदेव
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
********************
देवाधिदेव भोलेशंकर,
परमेश्वर गंगाधारी।
शिव-शंकर का अनुपम दर्शन,
मानव हित मंगलकारी।।
रवि विरन्चि हो धर्म सनातन,
सत्यनिष्ठ हो कैलाशी।
सात्विक पावन सुभग सौम्य
प्रभु,घट-घट बसते अविनाशी।।
गौरा संग बिराजें शंभू ,
प्रभु जग सारा बलिहारी।
वैद्यनाथ नागेश्वर भोले,
केदारनाथ अभिनंदन।
सोमनाथ भीमाशंकर हो,
त्र्यंबकेश्वर शंभु वंदन।।
त्रिकालदर्शी कपाल भैरव,
शशिशेखर भभूति धारी।
ओंकारेश्वर घृष्णेश्वर हो,
रामेश्वर प्रभु त्रिलोचनम्।
मल्लिकार्जुन महाकाल शिवा,
विश्वनाथ नीलकंठकम्।।
बर्फानी औघड़दानी हो,
भस्म मण्डितम बलिहारी।।
भाँग धतूरे का भोग लगे,
चंदन कर्पूर प्रभु सुहाते।
दूग्ध रूद्राक्ष अक्षत अकवन,
जल बिल्बपत्र नित भाते।।
ताप मिटा बाघम्बरधारी,
हे खण्डपरशु हितकारी।
गाते महिमा पुराण सारे,
दर्शन की प...