आओ हिन्दी अपनाए
सोनल सिंह "सोनू"
कोलिहापुरी दुर्ग (छतीसगढ़)
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माँ भारती के माथे की बिन्दी,
ऐसी भाषा हमारी हिन्दी।
सरस, सरल और प्राचीन,
प्रमुख भाषाओं में नामचीन।
संस्कृति संस्कारों को देती मान,
हिन्दी भाषा हमारा अभिमान।
परिपूर्णता की परिभाषा है,
उज्जवल भविष्य की आशा है।
हिन्दी सचमुच खास है,
विदेशियों को भी इसका एहसास है।
हिन्दी को मिली नई पहचान है,
"नमस्ते भारत "कहना हमारी शान है।
इससे झलकता है अपनापन,
सहज बनाती है ये जीवन ।
काम काज में इसे अपनाए,
हिन्दी का हम मान बढ़ाए।
परिचय - सोनल सिंह "सोनू"
निवासी : कोलिहापुरी दुर्ग (छतीसगढ़)
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