अनजाना रिश्ता
श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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एकाएक जिंदगी में
अनजान सा कोई आता है,
जो दोस्त भी नहीं,
हमसफ़र या हमराज़ भी नहीं
फिर भी उस से एक
अनोखा रिश्ता जुड़ जाता है !!
उस के साथ सुख दुःख
साझा करने का दिल करता है,
वो सब कुछ सुनता
और समझना चाहता है !
हमारी उलझने उसके पास
आके कहीं भटक जाती हैं,
कुछ पल जिंदगी के
सूकून से कट जाता है
वो अनजाना होकर भी
दिल के करीब बस जाता है !!
उस रिश्ते का कोई नाम नहीं
उस रिश्ते को नाम के
बंधनों से दूर ही रखा है,
वो सबकी खुशी में खुश और
बहते आंसुओं के दर्द
को समझता है !!
कोई अधिकार नहीं
उसके जीवन पर हमारा,
फिर भी उस पर हक
जताने को दिल करता है !
वो खुदा की बनाईं प्रकृति
का अनमोल हिस्सा है,
उसका लाड दुलार हमसे
उसके लिए कुछ करने
का संकल्प दिलाता है !
वो और कोई नहीं
खुदा का प्रतिनिधि है
...