ये इश्क है इश्क
ये इश्क है इश्क
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रचयिता : शिवम यादव ''आशा''
साहब!
ये इश्क है इश्क
इसे दिशा निर्देश भी करना होगा,
अब मैं ही गवाही क्या दूँ
या खुद को खाली कमरा कर दूँ
साहब!
खून में जरा उबाल रखा करो √
साथ में जो हो उसका ख्याल रखा करो √
प्रेम का पौधा अक्रिय और सक्रिय दोनों रूप में मिलता है....
साहब!
जब भी पानी डालोगे तब ही वो हरा भरा हो जाएगा
हमने किया है क्या क्या किया है
मत पूछो
मेरे दिल ने क्या क्या सहा है
सोचना होगा मेरे दिल ने क्या
क्या सहा है
अब इसे भी हुकूमत कहोगे क्या जनाब
कि मेरी आँखो ने क्या क्या देखा है
हम गर्जी जिंदगी नहीं जीते है
गर्ज तुम्हारी होगी
हम तो हुकूमत भरी जिंदगी जिएगे
हुकूमत हमारी होगी
इन्शानियत की राह हमे निकालनी होगी
हम तुम्हारे जैसे नहीं हैं
साहब!
जो गर्ज पर गधे को ...