नदी पर पाँच मुक्तक
नदी पर पाँच मुक्तक
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रचयिता : रशीद अहमद शेख
सरी, लहरी, प्रवाहिनी, सरिता उसके नाम।
उपकृत वह सबको करे, नगर, उपनगर, ग्राम।
नदी किनारे कीजिए, शीतल नीर-स्नान।
पावन सुख यूं दीजिए, तन-मन को श्रीमान।
सरिता-तट पर बैठकर, कैसे पंहुचे पार।
आवश्यक है आपको, नौका का आधार।
नदी प्रदूषित हो गई, हुए प्रदूषित कूल!
कहाँ हुई है सोच ले, मानव तुझसे भूल!
सरिता नाला बन गई, सूख गए हैं ताल।
जलाभाव संसार में, हुआ आज विकराल।
लेखक परिचय :- नाम ~ रशीद अहमद शेख
साहित्यिक उपनाम ~ ‘रशीद’
जन्मतिथि~ ०१/०४/१९५१
जन्म स्थान ~ महू ज़िला इन्दौर (म•प्र•) भाषा ज्ञान ~ हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत
शिक्षा ~ एम• ए• (हिन्दी और अंग्रेज़ी साहित्य), बी• एससी•, बी• एड•, एलएल•बी•, साहित्य रत्न, कोविद
कार्यक्षेत्र ~ सेवानिवृत प्र...