पुत्रो की परिभाषा
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संजय जैन
मुंबई
पुत्र क्या होते है,
में तुम समझता हूं।
पुत्रो का इतिहास में,
दुनियां को बतलाता हूँ।।
पुत्र था श्रवणकुमार
जो माता पिता को,
सर्वत्र मान्यता था।
पुत्र था औरंजेब,
जिसने बाप को,
जेल में डाला था।
पुत्र एक ऐसा भी था।
जो बाप के वचन की खातिर,
खुद बनवास को जाता है।
और आधा जीवन अपना,
वन में स्वंय बिताता है।।
पुत्र मोह क्या होता है,
में बाप का बतलाता हूँ।
अंधा होते हुए भी,
खुद राजा बन जाता है।
फिर पुत्र मोह में वो
महाभारत करवाता है।
और अपने कुल का विनाश,
कुल वालो से ही करवाता है।।
कलयुग के पुत्रों का भी,
में किस्सा सबको सुनता हूँ।
एक बाप चार पुत्रो को,
आसानी से पालपोश कर
काबिल इंसान बना देता है।
पर चार पुत्र होकर भी,
बाप को नही संभाल पाते है।
पर फिर भी वो पुत्र कहलाते है।
अपनी आजादी की खातिर,
बृद्धाश्रम में छोड़ आते है।
और बड़ी शान से
पुत्र होने का दावा करते है।
और अ...