नव वर्ष
मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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फिर उडे नव वर्ष के
पांखी खुले आकाश में
छोड़ आये नीड़ कितने,
ओर कितनों से जुड़ेंगे
कौन जाने कब,
कहां फिर रास्ते कोरे मुड़ेंगे
फिर सुरभि के कलश ले,
सांसें गगन वातास में
बहुत से संदर्भ
ऐसे भी रहें हैं
जो नहीं हारे
आंधियों के सफ़र में
क्या हुआ, कुछ किरकिरे
अनुभव रहें हों भीड़ के
छोड़ देगा समय उनको,
हाशियों फिर कैसे
विश्वास से बढ़ो
आगे नये वर्ष में।
परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ी आप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से भी रचनाएं ...