चांदी के टुकड़ों पर
तेज कुमार सिंह परिहार
सरिया जिला सतना म.प्र
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ओ चांदी के टुकड़ो पर
ईमान बेचने वालों
ईमान बचाकर दुनिया मे
अब तो जीना अपनालो
ईमान मानव जीवन का
एक दीप्तिमान ध्रुव तारा हैं
ईमान बिना इस मानव का
मिथ्या जीवन ही सारा हैं
पर हाय भाग्य ही फूट गया
पापी बेईमान जानते है
जो थोड़ी सी लालच पाने पर
अपना ईमान बेचते है
जो अल्प रजत टुकड़ो खातिर
हत्या करते हैं भाई की
उनकी यश कीर्ति सदा बढ़ती
पाते इज्जत बहनोई की
यह धरा क्षमा न करती थी
ईमान बेचने वालों को
पर यही धरा अब हाय देती
आश्रय बेईमानो को
विश्वास नही होता ऐसा सब
सह कर चुप रह जायेगी
एक दिन बेईमानो को लेकर
यह रसा रसातल जाएगी
इसलिए सभी मेरे भइया जी
लो ईमान बचाकर
पाकर इज्जत सम्मान मधुर
स्वर्ग बनाओ अपना घर
गर इसी तरह मेरे भइया
ईमान बेचते जाओगे
फिर इस महंगी मानव काया का
मूल्य चुका न पाओगे
ओ चांदी के टुकड़ो पर
ईमान बेचने वालों
ईमा...