मानव श्रृंगार की बात करो
पूनम धीरज
राजसमंद, (राजस्थान)
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ना सम्मान की बात करो
ना अपमान की बात करो
ना किसी अस्तित्व की छेड़ो धुन
बस तुम प्यार की बात करो
सम्मान मिले ना अपनों से
सम्मान मिले ना सपनों से
सम्मान मिले स्व कर्मों से
अपने कर्तव्य की बात करो
अपमान से दिल पर चोट लगे
अपमान से तन पर खोट लगे
अपमान से अविचलित रह कर
अपने स्वाभिमान की बात करो
अस्तित्व तुम्हारा खोकर भी
तुम मैं खुद को पा जाएगा
आदर्श बनो अपने ही लिए
अपने आत्माभिराम की बात करो
चाहो तो स्नेह सदा चाहो
पालो तुम प्यार का पूरा ज्ञान
हो सर्व समर्पित प्रेम प्रति
मानव श्रृंगार की बात करो
परिचय : पूनम धीरज
जन्म : १८ जून १९८३
निवासी : राजसमंद, राजस्थान
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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