चींटी
दिलीप कुमार पोरवाल “दीप”
जावरा मध्य प्रदेश
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एक नन्ही सी चींटी
एक नन्ही सी चींटी
जीवन में बहुत कुछ सिखा जाती है।
जैसे ये कतार में चलती है
सिखा जाती है अनुशासन में रहना।
एक नन्ही सी चींटी
जीवन में बहुत कुछ सिखा जाती है।
मुंह में लेकर दाना
जब चढ़ती है दीवारों पर,
सिखा जाती है परिश्रम करना।
एक नन्ही सी चींटी
जीवन में बहुत कुछ सिखा जाती है।
जब गिरती है दीवार से
तब उठकर संभलना
फिर चल देना और दीवार पर चढ जाना,
सिखा जाती है कैसे संघर्ष करना।
एक नन्ही सी चींटी
जीवन में बहुत कुछ सिखा जाती है।
काम जब कोई हो बड़ा
तब कई चींटियों को इकट्ठा करना,
तब सिखा जाती है मिलकर बोझ उठाना।
एक नन्ही-सी चींटी
जीवन में बहुत कुछ सिखा जाती है।
मौसम विज्ञान की होती है बड़ी ज्ञाता,
जब होती है कोई भूगर्भीय हलचल,
या कोई और हो प्राकृतिक आपदा,
तब कैसे ये अपने अंडो को लेकर
सुरक्षित स्थान पर दौड़ी चली ...