ऐ दर्द तेरा शुक्रिया
माधुरी व्यास "नवपमा"
इंदौर (म.प्र.)
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ना किसी को थी खबर, ना किसी को था पता।
एक थी मैं और एक बस तू ही था,
मेरे इस राज़ को, छुपाने का शुक्रिया।
ऐ दर्द तेरा शुक्रिया, ऐ दर्द तेरा शुक्रिया.........
किसीने साथ छोड़कर, साथ देकर भी तुझे दिया ।
मिलन का पल हो या जुदाई, दगा बस तूने ना दिया,
एक तू ही तो बस था, मेरा हमसफ़र सदा।
ऐ दर्द तेरा शुक्रिया, ऐ दर्द तेरा शुक्रिया........
मेरे सब्र का सबूत तू, हरदम सबसे करीब रहा।
ऐ मेरे सच्चे रफ़ीक़, सबक तेरी तासीर में था,
एक बस तू ही मेरा, हरपल हमदम रहा।
ऐ दर्द तेरा शुक्रिया, ऐ दर्द तेरा शुक्रिया......
अश्क़ मेरे चश्म-ए-तर का, दिल की हूक में तरंग रहा।
गहरी साँस की राहत पर, होठों की मुस्कान से छुपा,
एक तू ही बस रहा, सच्चा हमनशी जहाँ।
ऐ दर्द तेरा शुक्रिया, ऐ दर्द तेरा शुक्रिया......
वक़्त की हर मार पर, मरहम जब तूने रखा।
जिंदा होने का यकीन मेरे, यक...