लड़ रहे… बढ़ रहे…
दीवान सिंह भुगवाड़े
बड़वानी (मध्यप्रदेश)
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कोई लिख रहा है,
कुछ लोग पढ़ रहे हैं
कोई पढ़ते हुए लड़ रहा है,
कुछ लोग लड़ते हुए पढ़ रहे हैं।
कोई बोल रहा है,
कुछ लोग आवाज उठा रहे हैं
कोई जुड़ रहा है,
कुछ लोग लड़ रहे हैं।
कोई चल रहा है,
कुछ लोग दौड़ रहे हैं
कोई स्वयं के लिए,
कुछ समाज हित में लड़ रहे हैं।
कोई अधिकारों के लिए,
कुछ कर्जदारों हेतु लड़ रहे हैं
कोई ठगों को पकड़ रहा है,
कुछ लोग मांगों हेतु लड़ रहे हैं।
कोई अपना ही रोक रहा है,
कुछ लोग रास्ते में अड़ रहे हैं
कोई जातियां तोड़ रहा है,
कुछ लोग समाज जोड़ रहे हैं।
कोई हौंसला बढ़ा रहा है,
कुछ लोग हिम्मत जुटा रहे हैं
कोई राजनीति कर रहा है,
कुछ आपबीती हेतु लड़ रहे हैं।
कोई रहमत कर रहा है,
कुछ लोग मेहनत कर रहे हैं
कोई जागरूक कर रहा है,
कुछ लोग लड़ते हुए बढ़ रहे हैं।
परिचय :- दीवान सिंह भुगवाड़े
निवासी : बड़वानी (म.प्र.)
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