बहुत याद आता है
रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)
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तुम्हारा मुझे एक टक निहारना
मुझें बहुत याद आता है,
तुम्हारा दुपट्टे में मुँह छिपा कर मुस्कुराना,
मुझें बहुत याद आता है,
नित्य नये-नये खत लिख कर देना,
मुझें बहुत याद आता है,
ऊपर से गुस्सा होना और भीतर ही भीतर
मुझें दिल से मानना,
मुझें बहुत याद आता है,
तुम्हारा मुझपर अपना हक़ जमाना,
मुझें बहुत याद आता है,
मुझसे रूठना, बातें ना करना लेकिन
मेरी खुशियों की दुआ करना,
मुझें बहुत याद आता है,
छुप-छुप कर मेरा स्टेटस देख मुझे याद करना,
मुझें बहुत याद आता है,
मेरी छोटी-छोटी बातों पर मुझसे झगड़ा करना,
मुझें बहुत याद आता है,
मेरी धड़कनों को अपना एहसास बनाना,
मुझें बहुत याद आता है,
मेरी हर एक रचना को दिल से पढ़ना,
मुझें बहुत याद आता है,
तुम्हें अपने प्यारे सूट मे देखना,
मुझें बहुत याद आता है,
तुम्हारे अधरों का रक्तिम लिपस्टिक,
मुझें बहुत याद आ...