कब तक बेचारी कहलाओगी?
ममता रथ
रायपुर
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कोई खींचेगा वस्त्र तुम्हारा
कोई तुम पर मर्दानगी दिखाएगा
बलात्कार, हत्या से अब
तुम ही खुद को बचाओगी
शस्त्र कब तक ना उठाओगी?
यह कलयुग है सतयुग नही
यहां शील बचाने कोई आएगा नहीं
इन दु:शासन से बचने को
अब कब तक ना शस्त्र उठाओगी
आदमी के खाल में घुम रहे हैं भेड़िए
स्नेह की आस किससे लगाओगी
अब खुद को कितना सताओगी
आखिर कब तक बेचारी कहलाओगी
परिचय :- ममता रथ
पिता : विद्या भूषण मिश्रा
पति : प्रकाश रथ
निवासी : रायपुर
जन्म तिथि : १२-०६-१९७५
शिक्षा : एम ए हिंदी साहित्य
सम्मान व पुरस्कार : लायंस क्लब बिलासपुर मे सम्मानित, श्री रामचन्द्र साहित्य समिति ककाली पारा रायपुर २००३ में सांत्वना पुरस्कार, लोक राग मे प्रकाशित, रचनाकार में प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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