ताकत कलम की
प्रियंका पाराशर
भीलवाडा (राजस्थान)
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न्यून-सी नोंक, छोटा-सा कद
सभ्य, अनुशासित होकर संभालती उच्च पद
जो संभव न हो तलवार से
वो कलम कर दिखाती हैं
क्रूर, विनाशकारी हिंसा से
अंत में, ताकत कलम की श्रेष्ठ कहलाती हैं
कलम के भाव
कभी मनोरंजन तो कभी तूफान
जुबां से निकले शब्द
नहीं डालते जब कोई प्रभाव
तब हस्ताक्षरित अटल फैसला सुनाती हैं
अंधकारमय वातावरण में भी कलम
आशा की किरण बन जाती हैं
वृहत हथियारो से, शब्दों की बौछारों से
ताकत कलम की श्रेष्ठ कहलाती हैं
परिचय :- प्रियंका पाराशर
शिक्षा : एम.एस.सी (सूचना प्रौद्योगिकी)
पिता : राजेन्द्र पाराशर
पति : पंकज पाराशर
निवासी : भीलवाडा (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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