मेरे दो शब्द
श्रीमती विभा पांडेय
पुणे, (महाराष्ट्र)
********************
एक मंच, सबके विश्वास का प्रतीक
एक मंच, जहांँ मिलती कुुछ सीख,
अगर आपके अंदर खूबी है तो लिखो,
हम आपकी रचना को सदा करेेंगे प्रकाशित।
यह मंच टिका भरोसेे की बुनियाद पर, और
रचता लीक से हटकर अपनी एक नई लीक।
हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण समर्पित।
सभी करते यहाँ कुछ न कुछ अर्जित।
पूरे आदरभाव से बात करते सभी
न आलोचना, न हीन भावना, न तिरस्कार
अच्छी रचनाओं से यह मंच रहता शोभित।
हर जगह, हर प्रांत से लोग जुड़ते हैं।
अपनी रचनाएँ, नृत्य, संगीत भी प्रस्तुत करते हैं।
हमेशा कुछ नई ही लेकर सोच कोई,
अपने समूह संग पवन जी काम करते हैं।
राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच सबके लिए काम करता
इस मंच का है कार्यक्षेत्र असीमित।
शुभकामनाएँ ये मेरी कि मंच बढ़ता रहे।
मातृभाषा हिंदी की प्रगति के काम करता रहे।
हमारी हिन्दी दिन दूनी, रात ...