लक्ष्य तो होंगे
आस्था साहू
अशोक नगर (मध्य प्रदेश)
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लक्ष्य तो होंगे
यदि है तो मार्ग तो होंगे
यदि मार्ग है तो
बाधाएं तो आएगी
और इसी पर निर्धारित हैं कि हम जीवन में सफल होंगे या असफल, यश के भागी होंगे या तिरस्कार के। मान लीजिये, आप को एक कार्य करना हैं आपको पर्वत पर चड़ना है, अब मार्ग की फिसलन आपको को कितनी बार गिराएगी। चट्टानें आपको कई बार चोट देंगी, ऐसे में क्या करेंगे।
सामान्य व्यक्ति चुनता हैं- प्रतिकार
उस पर्वत को ही नष्ट कर देने का विचार करता है उसकी नींव को ही खोद देने का विचार करता है, किन्तु पर्वत को तो कोई नष्ट ना कर पाए तो, असफलता की साथ-साथ अपयश का भागी बन जाता है।
दूसरा मार्ग है- परिवर्तन
यदि आप उस पर्वत को खोदने के स्थान पर उस पर सीढियाँ बना दे, तो आप भी पर्वत पर चढ़ सकते हैं कोई और भी उस पर्वत पर चड सकता है आने वाली पीढी भी उस पर्वत पर चढ़ सकती हैं और...