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व्यंग्य

मोहब्बत बड़ी ‘फालतू’ चीज है
व्यंग्य

मोहब्बत बड़ी ‘फालतू’ चीज है

======================= रचयिता : आशीष तिवारी "निर्मल" सन् १९७८ में फिल्म आई थी 'त्रिशूल' जिस पर साहिर लुधियानवी साब द्वारा लिखा हुआ एवं लता जी किशोर कुमार जी के युगल स्वर में गाया हुआ एक गीत 'मोहब्बत बड़े काम की चीज है' काफी लोकप्रिय हुआ था। शायद...!ऐसा संभव रहा होगा कि उन दशकों में मोहब्बत बड़े काम की चीज रही होगी तभी तो यह गीत लिखा गया था। मोहब्बत करके लैला-मजनूं,शीरी-फरहाद बिना सोशल मीडिया में वायरल हुए ही लोकप्रिय हो गए और उनकी मोहब्बत 'ट्रेंड' पर रही। उनके किस्से कहानियों को सुनते-सुनते मोहब्बत करने की सनातनी परम्परा तभी से चली आ रही है। एक दौर ऐसा भी आया जब मोहब्बत करना मतलब पीएचडी करने जैसा होता था भोली भाली सूरत जिस पर मन ही मन मर मिटे होते थे उसका नाम और पता,पता करते-करते उसकी शादी का कार्ड घर आ जाता था, और आशिक को तभी पता चलता था कि उसकी लैला का नाम 'लक्ष्मीरनिया' था जो अब किसी...