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पुस्तक समीक्षा

मानवीय संवेदना व प्रकृति के बेहद करीब है काव्य कृति ‘साक्षी’
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मानवीय संवेदना व प्रकृति के बेहद करीब है काव्य कृति ‘साक्षी’

पुस्तक समीक्षा पुस्तक का नाम - साक्षी (मेरी लेखनी से) समीक्षक - आशीष तिवारी निर्मल रचनाकार - साक्षी जैन संस्करण - प्रथम पुस्तक कीमत - १९९ रुपए प्रकाशक - जे.एस.एम पब्लिकेशन आगरा।) पिछले दिनों भोपाल में आयोजित एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में जाना हुआ काव्य पाठ व सम्मान के अतिरिक्त कालापीपल जिला शाजापुर मध्य प्रदेश निवासी कवयित्री व शिक्षिका श्रीमती साक्षी जैन द्वारा काव्य संग्रह साक्षी (मेरी लेखनी से) प्राप्त हुई। काव्य संग्रह का कवर बेहद आकर्षक है जिसमें कवयित्री के आराध्य देव कान्हा जी की तस्वीर व उनके चरणों की सेविका स्वयं साक्षी जैन की तस्वीर लगी है। काव्य संग्रह में कुल ६३ रचनाएं प्रकाशित हैं। सुघड़ साहित्यकार साक्षी जैन द्वारा विरचित कविताओं में संवेदनशीलता का विस्तार है कवयित्री ने अपने लेखन के माध्यम से मानव समाज व प्रकृति के हर पहलू पर बखूबी लिखा है। जिसमें कान्हा के प्रति भ...
देशप्रेम और देशभक्ति का पर्याय – चंदन माटी मातृभूमि की
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देशप्रेम और देशभक्ति का पर्याय – चंदन माटी मातृभूमि की

सुधीर श्रीवास्तव बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश) ******************** समीक्षक- सुधीर श्रीवास्तव वरिष्ठ कवि डॉ. रवीन्द्र वर्मा जी की पुस्तक "चंदन माटी मातृभूमि की" कुछ माह पूर्व ही मुझे प्राप्त हो गई थी। लेकिन स्वास्थ्य कारणों से कुछ लिखने का विचार आगे बढ़ता रहा। अब जब नवोदय परिवार ने यह अवसर उपलब्ध कराया, तो थोड़ा विवश हो गया। जो अच्छा ही है कि एक विचार को अब साकार करने का समय आ ही गया। देशप्रेम और देशभक्ति रचनाओं का १७७ पृष्ठीय १०८ रचनाओं वाले काव्य संग्रह "चंदन माटी मातृभूमि की" को रचनाकार ने "अपने भारत राष्ट्र को समर्पित सभी बलिदानियों, देशधर्म व स्वतंत्रता को लड़े वीर क्रांतिकारियों, इस देश की अखंडता व स्वाभिमान के लिए जीवन समर्पित करने वाले सभी महान पुरुषों को श्रद्धावनत नमन करते हुए समर्पित किया है। विद्या वाचस्पति मानद उपाधि प्राप्त रवीन्द्र वर्मा के इस पुस्तक की भूमिका म...
भावों की पोटली है : पोटली …एहसासों की
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भावों की पोटली है : पोटली …एहसासों की

सुधीर श्रीवास्तव बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश) ******************** समीक्षक : सुधीर श्रीवास्तव पिछले दिनों जब अनुजा भारती यादव 'मेधा' का एकल कविता संग्रह "पोटली ...एहसासों की" स्नेह स्वरुप प्राप्त हुई थी, तो बतौर कलमकार से अधिक अग्रज के तौर पर मुझे अतीव प्रसन्नता का बोध हुआ था, तब मन के कोने में यह जिज्ञासा, उत्सुकता अब तक बनी रही कि मुझे कुछ तो अपने विचार व्यक्त करने ही चाहिए। वैसे भी काफी समय से भारती से आभासी संवाद और आभासी मंचों, पत्र पत्रिकाओं में पढ़ने सुनने का अवसर जब-तब मिल ही जाता है। सबसे अधिक प्रसन्नता तब हुई, जबसे यह ज्ञात हुआ कि मेधा के पिता (श्री राम मणि यादव जी) स्वयं एक वरिष्ठ कवि साहित्यकार हैं। तब से लेकर अब तक उनका स्नेह आशीर्वाद मिलता रहने के साथ संवाद भी जब तब हो ही जाता है। गद्य, पद्य दोनों विधाओं में सतत् सृजनशील संवेदनशील मेधा पारिवारिक दायित्...
मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है काव्य संग्रह- जीजिविषा
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मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण है काव्य संग्रह- जीजिविषा

काव्य संग्रह का नाम- जिजीविषा रचनाकार का नाम- मोनिका प्रकाशक- बीएफसी पब्लिकेशन गोमती नगर लखनऊ पुस्तक की कीमत- २७० रूपए। पुस्तक समीक्षक- आशीष तिवारी "निर्मल" (रीवा मध्य प्रदेश) देश की वरेण्य कवयित्री लखनऊ निवासी मोनिका जी की काव्य संग्रह जीजिविषा पढ़ने को मिली। इस काव्य संग्रह में मानवीय संवेदना से परिपूर्ण कुल चालीस नई विधा की कवितांए हैं।यह काव्य संग्रह पाठक को चिंतन के धरातल पर ले जाता है। जीवन के सच्चे लगाव को प्रकट करती इन कविताओं मे मानव मन के सरल निश्चल भावों की अभिव्यक्ति समायी है। कविता में चिंतन उसके अर्थ को गहराई प्रदान करता है।काव्य संग्रह 'जीजिविषा' में रचनाकार के सरोकारों का दायरा विस्तृत है और वैयक्तिक भावों के अलावा कवयित्री मोनिका के सामाजिक सरोकार भी बेहद पैनी और सधी भाव भंगिमा भी इन कविताओं में समाहित है। कविता जीवन से आत्मीयता और प्रेम प्रकट करने वाली विधा है। क...
“संवेदना के स्वर” लघु कथाओं का बेहतरीन समुच्चय है
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“संवेदना के स्वर” लघु कथाओं का बेहतरीन समुच्चय है

प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे मंडला, (मध्य प्रदेश) ******************** कृति - संवेदना के स्वर कृतिकार - डॉ. संध्या शुक्ल ‘मृदुल’ पृष्ठ संख्या - ८० मूल्य - १०१ रू. प्रकाशन - पाथेय प्रकाशन, जबलपुर समीक्षक - प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे, (प्राचार्य) शा. जे. एम. सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.) वर्तमान की सुपरिचित लेखिका, कवयित्री, लघुकथाकार डॉ. संध्या शुक्ल ’मृदुल’ की ताजातरीन कृति लघुकथा संग्रह के रूप में जो पाठकों के हाथ में आयी है, वह है ‘संवेदना के स्वर’। इस उत्कृष्ट लघुकथा संग्रह में समसामयिक चेतना, परिपक्वता, चिंतन, मौलिकता, विशिष्टता, उत्कृष्टता व एक नवीन स्वरूप को लिए हुए उनसठ लघुकथाएं समाहित हैं। पाथेय प्रकाशन, जबलपुर से प्रकाशित यह लघुकथा संग्रह अस्सी पृष्ठीय है जिसमें वर्तमान के मूर्धन्य साहित्यकारों एवं स्वनामधन्य व्यक्तित्वों ने अपनी भूमिका, आशीर्वचन लिखा है जिनमें डॉ. क...
समरांगण से… पुस्तक समीक्षा
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समरांगण से… पुस्तक समीक्षा

सुधीर श्रीवास्तव बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश) ******************** पुस्तक समीक्षा समरांगण से... आज की पीढ़ी के लिए अनूठा उपहार ओज के युवा हस्ताक्षर शिक्षक कवि हेमराज सिंह "हेम" की प्रथम कृति "समरांगण से... " को पढ़ते हुए बहुत गर्व की अनुभूति हो रही है कि हमारे बीच का एक युवा ओज लिखते-लिखते इतनी गहराई में उतर गया कि आध्यात्मिकता से भरपूर श्रीमद्भगवत गीता को सरल शब्दों में काव्यमय रुप में आम जनमानस के बीच संपूर्ण गीता को सहज ग्रहणीय कृति के रूप प्रस्तुत करके नई पीढ़ी के कलमकारों के लिए रास्ते खोल दिए हैं। पूज्य पिता श्री राजेन्द्र सिंह जी और माताश्री श्रीमती प्रभात कँवर जी को समर्पित हेम प्रस्तुत महाकाव्य "समरांगण से......की भूमिका में वरिष्ठ साहित्यकार विजय जोशी जी ने लिखा है कि अपने परिवेश में सजगता से यात्रा करता हुआ व्यक्ति जब अपनी संस्कृति और संस्कार के सानिध्...
‘द्वेषद्रोही’ : अधूरी प्रेम कहानियों और जीवन के विगलित रूपों का डरावना दस्तावेज
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‘द्वेषद्रोही’ : अधूरी प्रेम कहानियों और जीवन के विगलित रूपों का डरावना दस्तावेज

  समीक्षक : राजेश ओझा ग्राम वा पोस्ट मोकलपुर जनपद गोण्डा जनपद न्यायालय गोण्डा में विधि व्यवसाय देश के बड़े पत्र पत्रिकाओं में कहानियाँ, लघुकथाएं, पुस्तक समीक्षा आदि का नियमित प्रकाशन।   द्वेषद्रोही दो दिन पहले ही पढ़कर समाप्त किया है। 'देहाती लड़के' के बाद शशांक भारतीय का यह दूसरा उपन्यास है जो हिन्द युग्म प्रकाशन से आया है। शशांक भारतीय मूलतः व्यंग्यकार हैं, लेकिन मन से संवेदनशील भी। चीजों को वे अप‌नी सूक्ष्म दृष्टि से देखते हैं। संवेदनशील मन सदैव वर्तमान की जांच-परख करता रहता है। अपने अद्यतन समाज की जिन्दगी और हर तरफ उठ रही त्रासद झंझाओं का संस्पर्श उसे व्यक्त करने को विवश कर देता है। शशांक जीवन के उन अन्धड़ों को महसूस करके उसका ना केवल यथार्थ निरुपित करने वाले अपितु भविष्य के लिए बेहतर रचनात्मक सुझाव देने वाले उपन्यास कार के रुप में अपने दूसरे उपन्यास 'द्वेषद्रोही'...
सबरस समाहित अद्वितीय कृति है ‘निहारिका’
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सबरस समाहित अद्वितीय कृति है ‘निहारिका’

  पुस्तक का नाम- निहारिका समीक्षक- आशीष तिवारी "निर्मल" रचनाकार- कवि उपेन्द्र द्विवेदी रूक्मेय प्रकाशक- विधा प्रकाशन उत्तराखंड कीमत- २२५ कवि सम्मेलन यात्रा से मैं लौटकर रीवा पहुंचा ही था कि देश के तटस्थ रचनाकार कवि उपेन्द्र द्विवेदी जी का फोन आया कि अल्प प्रवास पर रीवा आया हूं शीघ्र ही राजस्थान निकलना है। मैं बिना समय गवाएं उपेन्द्र जी से मिलने पहुंचा तो एक गर्मजोशी भरी मुलाकात के बाद उन्होंन अपनी एक अद्वितीय व दूसरी कृति 'निहारिका' मुझे भेंट की। इसके पहले मैं उनकी एक राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत कृति राष्ट्र चिंतन पढ़ चुका था। अत: दूसरी कृति पाकर मन प्रसन्न हो गया। उपेन्द्र जी एक संवेदनशील कवि हैं। वे सबरस कविता और गद्य लेखन दोनों में सामर्थ्य के साथ अपनी रचनाओं को अभिव्यक्त करते हैं। कवि उपेन्द्र द्विवेदी काफी समय से लेखन में सक्रिय हैं। दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। ...
दम तोड़ती मानवता के गाल पर तमाचा है पुस्तक पैसा बोलता है।
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दम तोड़ती मानवता के गाल पर तमाचा है पुस्तक पैसा बोलता है।

आशीष तिवारी "निर्मल" रीवा मध्यप्रदेश ******************** पुस्तक का नाम- पैसा बोलता है रचनाकार- गंगा प्रसाद त्रिपाठी 'मासूम' संस्करण- प्रथम प्रकाशक- विश्व साहित्य प्रकाशन प्रयागराज पुस्तक कीमत-१०० पुस्तक समीक्षक- आशीष तिवारी निर्मल पिछले दिनों मैं संगम नगरी प्रयागराज की साहित्यिक यात्रा पर था। प्रयागराज के सुप्रिसिद्ध कवियों, शायरों से मुलाकात हुई। इस दौरान देश के युवा कुशल व्यंग्यकार गंगा प्रसाद त्रिपाठी 'मासूम' द्वारा विरचित काव्य कृति 'पैसा बोलता है' प्राप्त हुई। काव्य संग्रह का सघन अध्ययन करने के पश्चात मैंने पाया कि उक्त काव्य संग्रह में अंधी दौड़ में शामिल गिरावट के आखिरी पायदान पर पड़ी गिरती हुई आदमीयत और मानव जीवन के विविध् प्रसंगो को स्वंय में संजोए गीत, ग़ज़ल, व्यंग्य, मुक्तक, कविता सहित कुल ३२ एक से बढ़कर एक रचनाएँ हैं। गंगा प्रसाद त्रिपाठी 'मासूम' की कृतियाँ क्रमश: दूसरी आज...
डॉं. मसानिया कृत शोध नवाचार शिक्षा जगत के लिये उपयोगी
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डॉं. मसानिया कृत शोध नवाचार शिक्षा जगत के लिये उपयोगी

                                 आगर मालवा के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आगर के व्याख्याता डॉ. दशरथ मसानिया साहित्य के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां दर्ज हैं। २० से अधिक पुस्तके, ५० से अधिक नवाचार है। इन्हीं उपलब्धियों के आधार पर उन्हें मध्यप्रदेश शासन तथा देश के कई राज्यों ने पुरस्कृत भी किया है। डॉं मसानिया विगत १० वर्षों से हिंदी गायन की विशेष विधा जो दोहा चौपाई पर आधारित है, चालीसा लेखन में लगे हैं। इन चालिसाओं को अध्ययन की सुविधा के लिए शैक्षणिक, धार्मिक महापुरुष, महिला सशक्तिकरण आदि भागों में बांटा जा सकता है उन्होंने अपने १० वर्ष की यात्रा में शानदार ५० से अधिक चालीसा लिखकर एक रिकॉर्ड बनाया है। इनका प्रथम अंग्रेजी चालीसा दीपावली के दिन सन २०१० में प्रकाशित हुआ तथा ५० वां चालीसा रक्षाबंधन के दिन ३ अगस्त २०२० को सूर्यकांत निराला चालीसा प्रकाशित हुआ। रक्षाबंधन के मंगल पर्व पर डॉ दशर...
प्रदूषण मुक्त सांसें : पर्यावरण की महत्ता बताती जरूरी किताब
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प्रदूषण मुक्त सांसें : पर्यावरण की महत्ता बताती जरूरी किताब

योगेश कुमार गोयल नजफगढ़ (नई दिल्ली) ******************** पुस्तक : प्रदूषण मुक्त सांसें लेखक : योगेश कुमार गोयल पृष्ठ संख्या : १९० प्रकाशक : मीडिया केयर नेटवर्क, ११४, गली नं. ६, एमडी मार्ग, नजफगढ़, नई दिल्ली-११००४३ मूल्य : २६० रुपये समीक्षक : लोकमित्र हाल के सालों में यह पहला ऐसा मौका है, जब पिछले कुछ महीनों में दुनिया के बिगड़ते पर्यावरण और प्रदूषण की किसी गहराती समस्या ने हमारा ध्यान नहीं खींचा। शायद इसकी वजह यह है कि दुनिया पिछले कुछ महीनों से कोरोना संक्रमण के चक्रव्यूह में फंसी हुई है, नहीं तो कोई ऐसा महीना नहीं गुजरता, जब बिगड़ते पर्यावरण की बेहद चिंताजनक और ध्यान खींचने वाली कोई खबर दुनिया के किसी कोने से न आती हो। वास्तव में २१वीं सदी की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी या आतंकवाद नहीं है। इनसे भी बड़ी समस्या हर तरह का बढ़ता प्रदूषण है, जिसके कारण धरती पर लगातार विनाश का खतरा मंडरा रहा...
कोमल किसलय (काव्य संग्रह) : पुस्तक समीक्षा
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कोमल किसलय (काव्य संग्रह) : पुस्तक समीक्षा

राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" भवानीमंडी (राज.) ******************** पुस्तक समीक्षा कृति :- कोमल किसलय (काव्य संग्रह) लेखक :- ग्यारसीलाल सेन प्रकाशक :- सुधाकर साहित्य समिति, झालावाड़ (राजस्थान) मूल्य :-१२५/- पृष्ठ :- ८९ समीक्षक :- राजेश कुमार शर्मा"पुरोहित" झालावाड़ राजस्थान के वरिष्ठ कवि एवम साहित्यकार विचारक, चिंतक ग्यारसीलाल सेन ख्यातिनाम लेखक है। आपने अपनी काव्य कृतियों से राष्ट्र में अलग ही पहचान बनाई है। नवोदित कवियों के आप प्रेरणा स्रोत हैं। प्रस्तुत कृति कोमल किसलय काव्य संग्रह उनके पिता श्री किशनलाल जी व माता केशर देवी को समर्पित कृति है। मुखावरण बहुत सुन्दर है। सेन के ट्रेवल पिक्चर्स, अभिव्यक्ति का आत्मदान, आदि निबन्ध संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी रचनाएँ राष्ट्र की पत्र पत्रिकाओं में नियमित छपती है। प्रस्तुत कृति की भूमिका देश के सुप्रसिद्ध कवि बालकवि बैरागी जी ने लिखी है ज...