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श्रम-साधक को विश्राम कहा

गोरधन भटनागर
खारडा जिला-पाली (राजस्थान)

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श्रम-साधक को विश्राम नहीं।

कैसे ये विश्राम करें,
क्षण-भर भी आराम न करें।

लक्ष्य नहीं खुद अपना,
बस कङी धुप में तपना।

अनवरत,ही ये चल रहे,
औरन के खातिर ये धुप में तपना रहे।

सब कुछ अपना समझ कर,
ये द्रुतगति से चल रहें।

नयी किरण और नया जोश,
रंग खुशी के भर रहें।

साधक को विश्राम कहा,
जो श्रम के पथ पर चल पङे।

दिन समझे न रात,
हर बार ये काम करें।

श्रम साधकों को विश्राम कहा,
जो श्रम के पथ पर चल पङे।

श्रम इनका अविराम हैं,
बस कर्म ही सुनिश्चित हैं।

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परिचय :-
नाम : गोरधन भटनागर
निवासी : खारडा जिला-पाली (राजस्थान)
जन्म तारीख : १५/०९/१९९७
पिता : खेतारामजी
माता : सीता देवी
स्नातक : जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर


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