डॉ. बी.के. दीक्षित
इंदौर (म.प्र.)
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यूँ निकल कर न बाहर आया करो।
लॉकडाउन है सबको बताया करो।
हुक्म देने की आदत—बुरी बात है,
रूठ जाये वो ग़र, तो मनाया करो।
रोगप्रतिशोधक क्षमता घटे न कभी,
खाओ कुछ भी मग़र, चबाया करो।
चाँद पहलू में है क्यों ख़बर न तुझे,
चाँदनी रात हो, छत पर जाया करो।
झाडू पोछा सफाई कार्य कोई भी हों,
हाथ पत्नी का थोड़ा, बटाया करो।
कोरोना कोरोना….. करो न पूरे दिन,
अन्य अच्छे भी चैनल लगाया करो।
मैं अर्जुन बना…..वह बनी है सुभद्रा,
स्वयं बनो पात्र उम्दा,दिखाया करो।
देव दूतों से बढ़कर हैं, पी एम हमारे,
उनसे वायदा किया, वो निभाया करो।
राम बन न सको, तो मांगो न सीता,
बन कर लंकेश, हलचल मचाया करो।
बिजू होना है जो…..वो होकर रहेगा,
प्रीति नूतन रहे…..गीत गाया करो।
परिचय :- डॉ. बी.के. दीक्षित (बिजू) आपका मूल निवास फ़र्रुख़ाबाद उ.प्र. है आपकी शिक्षा कानपुर में ग्रहण की व् आप गत ३६ वर्ष से इंदौर में निवास कर रहे हैं आप मंचीय कवि, लेखक, अधिमान्य पत्रकार और संभावना क्लब के अध्यक्ष हैं, महाप्रबंधक मार्केटिंग सोमैया ग्रुप एवं अवध समाज साहित्यक संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं।
सम्मान – हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak।com) द्वारा हिंदी रक्षक २०२० सम्मान
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