संध्या नेमा
बालाघाट (मध्य प्रदेश)
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भाई शब्द ही दुनिया में बहुत अनमोल हैं
भाई छोटा हो या बड़ा पऱ बहन को
हमेशा छोटा ही समझता हैं
मेरी वो हिम्मत हैं मेरा वो सहरा हैं
भाई मेरा मेरी जान से भी प्यारा हैं
समय आने पऱ जो बहन से लड़ता हैं
और बहन को कोई उफ़ तक कर दे तो
पूरी दुनिया से लड़ता हैं
मेरी वो हिम्मत हैं मेरा वो सहारा हैं
भाई मेरा मेरी जान से भी प्यारा हैं
खुद धूप खड़े बहन को छाँव देता हैं
खुद कितनी भी मुसीबत में हो
पऱ बहन के सामने हमेशा मुस्कुराता
मेरी वो हिम्मत हैं मेरा वो सहारा हैं
भाई मेरा मेरी जान से भी प्यारा हैं
मेरा दुश्मन भी तू मेरा दोस्त भी तू मेरे लिए
मुसीबत भी तू उसका हल भी तू
भाई बहन से कभी नहीं नाराज होता हैं
मेरी वो हिम्मत हैं मेरा वो सहारा हैं
भाई मेरा मेरी जान से भी प्यारा हैं
मुझ पऱ आती हैं मुसीबत तो वो संभाल लेता हैं
पीछे हटाने का ना कभी नाम लेता हैं
खुश रहूँ सदा मै और मेरा परिवार सारा
ऐसी सोच के साथ वो हर काम को अंजाम देता हैं
मेरी वो हिम्मत हैं मेरा वो सहारा हैं
भाई मेरा मेरी जान से भी प्यारा हैं
परिचय : संध्या नेमा
निवासी : बालाघाट (मध्य प्रदेश)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।
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