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चन्द सांस लिए

पवन मकवाना (हिन्दी रक्षक) 
इन्दौर (म.प्र.)

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ईश्वर तू क्यूँ है नाराज हमसे,
क्यूँ मंदिर के दरवाजे बंद आज किये…

जीये कैसे तेरी कृति,
बतलादे तू, चन्द सांस लिए…

बारिश की बूंदों से बता रहा,
तू भी रोता है, बंद आँख किये…

जीये कैसे तेरी कृति,
बतलादे तू, चन्द सांस लिए…

कर दे क्षमा तू दोष हमारा,
कसूर जो हमने दिन-रात किये…

सर पर रख दे हाथ हमारे
हम बालक, तू पित-मात-प्रिये…

तू प्रेम बहुत करता है हमसे,
फिर क्यूँ ऐसे हालात किये…

जीये कैसे तेरी कृति,
बतलादे तू, चन्द सांस लिए…

पत्ता नहीं हिलता बिन चाह से तेरी,
तूने ही हमें दिन रात दिए…

तेरा दिया जीवन तुझको अर्पण,
यूँ घूँट-घूँट न जहर दिन रात पीयें…

जीये कैसे तेरी कृति,
बतलादे तू, चन्द सांस लिए…

परिचय : पवन मकवाना
जन्म : ६ नवम्बर १९६९
निवासी : इंदौर मध्य प्रदेश
सम्प्रति : संस्थापक- हिन्दी रक्षक मंच
सम्पादक- hindirakshak.Com हिन्दीरक्षकडॉटकाम
सम्पादक- divyotthan.Com (DNN)
सचिव- दिव्योत्थान एजुकेशन एन्ड वेलफेयर सोसाइटी
स्वतंत्र पत्रकार व व्यावसाइक छायाचित्रकार


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