वीणा वैष्णव
कांकरोली
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नफरत की तोड़ दीवारें, प्रेम को अपनाएंगे।
सबके दिलों में हम, एकता भाव जगाएंगे।।
बहुत लड़े हैं अब तक, अब न इसे दोहराएंगे।
हंसी-खुशी साथ रह, हम भेदभाव भुलाएंगे।।
एकता के दीप, हर घर में अब जगमगाएंगे।
प्यार का महत्व बता, दिलों को जोड़ आएंगे।।
पैसों के लालच में आ, अब न भ्रष्टाचार फैलाएंगे।
भूखे प्यासे रहकर भी, एक साथ जीवन बिताएंगे।।
बुजुर्गों का सम्मान कर, आशीष हम पाएंगे।
उनके ही आशीष से, सफलता ओर जाएंगे ।।
विविधता में एकता, देश की पहचान बताएंगे।
हम हमारे देश को, विश्व में महान बनाएंगे।।
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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।
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