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माँ को नमन

माधुरी व्यास “नवपमा”
इंदौर (म.प्र.)

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धन्य-धन्य मेरी प्यारी माँ,
तू कितनी महान है…

जन्म-पूर्व से मेरा वजूद,
तुझ से अविराम है।

सोते-जगते, हँसते-रोते,
हर पल मेरा ध्यान है।
धन्य-धन्य………

उज्ज्वल, अविरल छबि
घर मे तेरी बसती है,

जिससे हम सब बच्चों की,
जगत में सारी हस्ती है।
धन्य-धन्य……..

सूरज सी अनवरत कर्मरत,
सदा ही तू रहती है।

धरती माँ के सारे सद्गुणों की,
तुझमे जैसे बस्ती है।
धन्य-धन्य…….

मन्दिर-मस्जिद, काशी-काबा,
माँ तू चारो धाम है,

क्रोध में भी आशीष लुटाना,
तेरा अनोखा काम है।
धन्य-धन्य……

क्या लिखूं? दुआ से तेरी माँ!
सब कितने सुखी है,

इतना लिखकर अब मेरी,
कलम अदब से झुकी है।
धन्य-धन्य……

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परिचय :- माधुरी व्यास “नवपमा”
निवासी – इंदौर म.प्र.
सम्प्रति – शिक्षिका (हा.से. स्कूल में कार्यरत)
शैक्षणिक योग्यता – डी.एड ,बी.एड, एम.फील (इतिहास), एम.ए. (हिंदी साहित्य)


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