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लालिमा

ओमप्रकाश सिंह
चंपारण (बिहार)

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सूर्य की लालिमा
पूरब से आई।
सुबह में अचानक
शबनम मुस्कुराई।
आंखों में चमक पैदा करने
लालिमा पूरब से आई।
पोखर नदी के किनारे
पानी की सतह पर।
लाल सुर्ख सी साड़ी पहने
बन दुल्हन मुस्कुराए शरमाई।
ओठ फड़फड़ाए अचानक
प्रदायिनी वायु कि थपेड़ों से।
सूर्य की लालिमा पूरब से आई
चिड़ियों की चहक से
गूंज गई आमराई।
निंद्रा रानी की गहन
निश्चिंता के बाद।
सुबह की धड़कन लिए
अचानक लालिमा आई।

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लेखक परिचय :-  नाम – ओमप्रकाश सिंह (शिक्षक मध्य विद्यालय रूपहारा)
ग्राम – गंगापीपर
जिला –पूर्वी चंपारण (बिहार)


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