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दो लालो का जन्म

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संजय जैन
मुंबई

२ अक्टूबर का दिन, कितना महान है।
क्योकि जन्मे इस दिन दो भारत मां के लाल है।।

सोच अलग थी दोनों की,
पर थे समर्पित भारत के लिए।
इसलिए दिनों को हम लोग याद करते है।
और दोनों के प्रति,
श्रध्दा सुमन अर्पित करते है।
और उन्हें दिल से आज
याद करते है।।

सत्य अहिंसा के बल पर
हमे दिलाई आज़दी।
और सत्यग्रह करके
मजबूर कर दिया
अंग्रेजो को।
और उन्हें छोड़ना पड़ा
भारत देश को।
और मिल गई हमे आज़दी
सत्य अहिंसा के पथ पर
चलकर।।

याद करो उन छोटे कद वाले इंसान को।
जो सोच बहुत बड़ी रखते थे।
और हर कार्य भारत के हित मे करते थे।
तभी तो उन्होंने नारा दिया था,
जय जवान जय किसान।
ये ही है भारत की आन मान और शान।।

दोनों के प्रति आदर भाव रखते हुए।
हम उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित करते है।
और भारत माँ को प्रणाम करते है।
कि ऐसे लालो को आपने जन्म दिया हिंदुस्तान में।।

.लेखक परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ – साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।


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